शिक्षामित्र मानदेय पर इलाहाबाद हाई कोर्ट का बड़ा आदेश









शिक्षामित्र मानदेय पर इलाहाबाद हाई कोर्ट का बड़ा आदेश

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने शिक्षामित्रों के मानदेय पर राज्य सरकार से मांगा जवाब

27 जनवरी तक सरकार को देना होगा जवाब, समिति के गठन का निर्देश।

क्या है मामला?

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से करीब डेढ़ लाख शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने के मामले में कृत कार्यवाही की जानकारी 27 जनवरी 2025 तक देने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने वाराणसी निवासी विवेकानंद द्वारा दाखिल अवमानना याचिका पर दिया।

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समिति गठन का आदेश

याचिकाकर्ता ने मानदेय बढ़ाने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार को सम्मानजनक मानदेय निर्धारित करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित करने का निर्देश दिया था। याचिकाकर्ता के वकील सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि सरकार ने अभी तक कोर्ट के इस आदेश का अनुपालन नहीं किया है, जिसके चलते यह अवमानना याचिका दाखिल की गई।

सरकार की दलील

राज्य सरकार के वकील ने न्यायालय को सूचित किया कि शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था। हालांकि, समिति की प्रगति पर कोई ठोस जानकारी न्यायालय को उपलब्ध नहीं कराई गई है।

पिछले आदेश का संदर्भ

2023 में, शिक्षामित्रों ने समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग को लेकर याचिका दायर की थी। कोर्ट ने इसे न्यूनतम मानदेय मानते हुए, राज्य सरकार को सम्मानजनक मानदेय तय करने का निर्देश दिया था। परंतु, आदेश का पालन न होने के कारण यह मामला फिर से उठाया गया।

आगे की कार्रवाई

कोर्ट ने राज्य सरकार को 27 जनवरी तक मामले में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। रिपोर्ट में समिति की कार्यवाही और प्रस्तावित मानदेय के विषय में पूरी जानकारी देने को कहा गया है।

नोट: शिक्षामित्रों के मानदेय पर न्यायालय का यह निर्णय लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित कर सकता है। इस मामले से जुड़े सभी अद्यतन जानने के लिए हमारे साथ बने रहें।


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