शिक्षक भर्ती के नियम: लचीलापन और नवाचार
नई शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया लचीली और समावेशी होगी।
नए नियमों की विशेषताएं
- योग्यता में बदलाव: अब शिक्षक नियुक्ति केवल पीएचडी या नेट में रखे गए विषयों के आधार पर होगी। ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन का विषय बाध्यकारी नहीं होगा।
- अनुभव और स्किल का महत्व: शिक्षकों की पदोन्नति और नियुक्ति में शैक्षणिक प्रदर्शन के साथ अनुभव और कौशल को प्राथमिकता दी जाएगी।
- विषयों का लचीलापन: योग, संगीत, परफॉर्मिंग आर्ट्स, मूर्तिकला, नाटक, और खेल के क्षेत्रों में विशेष भर्ती प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियां: प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए इन उपलब्धियों को भर्ती पात्रता में जोड़ा गया है।
नई शिक्षा नीति के अनुरूप
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि ये नियम उच्च शिक्षा में नवाचार, समावेशिता, लचीलापन और गतिशीलता लाने के उद्देश्य से बनाए गए हैं। यह शैक्षणिक मानकों को मजबूत करेगा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सिफारिशों के अनुरूप होगा।
विशेषज्ञों की राय
यूजीसी के नए मसौदे में उन क्षेत्रों से प्रतिभाओं को जोड़ा गया है, जो पहले उपेक्षित रहते थे। यह कदम न केवल उच्च शिक्षा में सुधार लाएगा, बल्कि नई पीढ़ी के लिए शिक्षा को और अधिक समावेशी और गतिशील बनाएगा।