यूजीसी विनियम 2025: उच्च शिक्षा में सुधार का नया युग
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नए मसौदे को जारी कर शैक्षणिक गुणवत्ता और नवाचार पर जोर दिया।
मसौदे की मुख्य विशेषताएं
- लचीलापन: नेट/सेट के साथ अर्हता प्राप्त उम्मीदवारों को शिक्षण में करियर बनाने का अवसर, पीएचडी को प्राथमिकता।
- समग्र मूल्यांकन: स्कोर-आधारित शॉर्टलिस्टिंग की जगह व्यापक योग्यताओं पर ध्यान।
- दिव्यांग और खेल प्रतिभाओं को मौका: विकलांग खिलाड़ियों और खेल विशेषज्ञों के लिए शिक्षण पेशे में प्रवेश का रास्ता।
- सरलीकृत पदोन्नति प्रक्रिया: शिक्षण, अनुसंधान और अकादमिक योगदान पर ध्यान।
- पारदर्शिता और जवाबदेही: भर्ती, पदोन्नति और शिकायत निवारण के लिए पारदर्शी प्रक्रियाएं।
- व्यावसायिक विकास: संकाय विकास कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षकों की कौशल वृद्धि और निरंतर शिक्षा।
समारोह का विवरण
इस मसौदे को जारी करने के दौरान यूजीसी के नए सभागार “पुष्पगिरी” का उद्घाटन किया गया। शिक्षा मंत्री के साथ प्रमुख शिक्षाविद् और मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित थे।
शिक्षा मंत्री का बयान
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “यह मसौदा उच्च शिक्षा में सुधार, नवाचार, समावेशिता और लचीलापन लाएगा। यह शैक्षणिक मानकों को मजबूत करेगा और उत्कृष्टता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।”
फीडबैक और सुझाव
मसौदा विनियम, 2025 को फीडबैक और सुझाव के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखा गया है। अंतिम रूप में इसे जल्द ही प्रकाशित किया जाएगा।