जेनरेशन बीटा: 2025 से नई पीढ़ी की शुरुआत
**जेनरेशन बीटा का पहला बच्चा भारत में जन्मा**
वर्ष 2025 से एक नई पीढ़ी, जिसे ‘जेनरेशन बीटा’ या ‘जेन बीटा’ कहा जा रहा है,
अस्तित्व में आई। भारत में इस पीढ़ी का पहला बच्चा मिजोरम के आइजोल के डर्टलैंग सिनोड अस्पताल में
1 जनवरी को रात 12:03 बजे जन्मा। बच्चे का नाम फ्रेंकी रखा गया है।
जन्म के समय उसका वजन 3.12 किलोग्राम था। बच्चे के पिता का नाम जेडडी रेमरुअत्संगा और मां का नाम
रामजिरमावी है।
**जेनरेशन बीटा: भविष्य की स्मार्ट पीढ़ी**
समाज पर अध्ययन करने वाले मार्क मैकिंडल ने ‘जेनरेशन बीटा’ शब्द गढ़ा है। यह पीढ़ी
2025 से 2039 के बीच पैदा होने वाले बच्चों को संदर्भित करती है। यह पीढ़ी
दुनिया की सबसे स्मार्ट और एडवांस पीढ़ी मानी जाएगी, जहां हर चीज एक क्लिक की दूरी पर होगी।
2035 तक यह वैश्विक जनसंख्या का 16% हिस्सा बन जाएगी।
**पीढ़ियों का इतिहास और नामकरण**
हर पीढ़ी का नाम उस वक्त की सांस्कृतिक और आर्थिक घटनाओं के आधार पर तय किया जाता है।
- 1901-1924: ग्रेटेस्ट जेनरेशन – यह पीढ़ी महामंदी और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जीती रही।
- 1925-1945: साइलेंट जेनरेशन – इस पीढ़ी को कठिन मेहनत और आत्मनिर्भरता के लिए जाना जाता है।
- 1946-1964: बेबी बूमर जेनरेशन – द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जनसंख्या वृद्धि से जुड़ी।
- 1965-1979: जेनरेशन एक्स – तेजी से बदलती दुनिया के साथ अनुकूल हुई।
- 1981-1996: जेनरेशन वाई (मिलेनियल्स) – इंटरनेट की शुरुआत और टेक्नोलॉजी के साथ बढ़ी।
- 1995-2012: जेनरेशन जेड – वैश्विक कनेक्टिविटी और डिजिटल युग की पीढ़ी।
- 2013-2024: जेनरेशन अल्फा – तकनीकी नवाचारों के साथ पली-बढ़ी।
**जेनरेशन बीटा का महत्व**
जेनरेशन बीटा दुनिया को अपने तरीके से नया आकार देगी। यह पीढ़ी तकनीकी नवाचारों और
वैश्विक कनेक्टिविटी के साथ और अधिक प्रगतिशील होगी। उनकी परवरिश और शिक्षण पद्धति पूरी तरह से
डिजिटल-फ्रेंडली होगी, जो उन्हें अन्य पीढ़ियों से अलग बनाएगी।