केजीएमयू के चिकित्सक करंट से मानसिक इलाज की ओर लौटे
**बढ़ते डिप्रेशन की समस्या**
बच्चों में डिप्रेशन तेजी से बढ़ती समस्या बन गई है। इसकी बड़ी वजहों में खेल-कूद की कमी,
मोबाइल और कंप्यूटर के ज्यादा इस्तेमाल और पढ़ाई का दबाव शामिल हैं। केजीएमयू के मानसिक स्वास्थ्य विभाग में
डिप्रेशन से पीड़ित बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है। डॉक्टरों ने इस समस्या से निपटने के लिए एक नई पहल शुरू की है।
**करंट थेरेपी से हुआ इलाज**
केजीएमयू के डॉक्टरों ने डिप्रेशन के इलाज में दवाओं के साथ ट्रांसक्रानियल डायरेक्ट करंट स्टिमुलेशन (tDCS) का सहारा लिया।
यह इलाज 10 से 18 साल के 32 बच्चों पर किया गया। करीब 10 दिन तक रोजाना 20 से 30 मिनट
करंट की निश्चित डोज दी गई।
एशियन जर्नल ऑफ साइकेट्री में दिसंबर 2024 में प्रकाशित शोध के मुताबिक, इस थेरेपी के परिणाम बेहद सकारात्मक रहे।
**डिप्रेशन के लक्षण: कब सतर्क हों?**
डिप्रेशन के शुरुआती संकेतों को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। यदि बच्चों में ये लक्षण दिखें, तो तुरंत सतर्क हो जाएं:
- लगातार उदासी या चिड़चिड़ापन
- छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा या निराशा
- मूड स्विंग्स और गुमसुम रहना
- नींद में कमी या बहुत ज्यादा सोना
- सामान्य गतिविधियों में दिलचस्पी की कमी
**डिप्रेशन से बचने के उपाय**
डिप्रेशन से बचने और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए इन उपायों को अपनाएं:
- दिनचर्या बनाएं और उसका पालन करें
- रोजाना कसरत करें
- संतुलित भोजन करें
- पर्याप्त नींद लें
- नकारात्मक विचारों से बचें और खुश रहें
- दोस्तों और परिवार के साथ अपनी समस्याएं साझा करें
**शोध के नतीजे और प्रभाव**
इस उपचार के बाद डिप्रेशन पीड़ित बच्चों में तेजी से सुधार देखा गया। एक महीने के फॉलोअप के दौरान पाया गया कि
बच्चों में डिप्रेशन के लक्षण काफी कम हो गए थे। किसी भी बच्चे में दोबारा डिप्रेशन के संकेत नहीं दिखे।
इस शोध को डॉ. सौम्या उपाध्याय ने किया, जबकि विभागाध्यक्ष डॉ. विवेक अग्रवाल,
डॉ. सुजीत कर और डॉ. अमित आर्या उनके मेंटर थे।