कलर-कोडेड स्टिकर योजना पूरे देश में लागू हो सकती है: सुप्रीम कोर्ट
कलर-कोडेड स्टिकर की आवश्यकता
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वायु प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या का समाधान सिर्फ आदेश जारी करने से नहीं होगा। इसे प्रभावी ढंग से लागू करने और सुधारात्मक उपायों को अपनाने से ही हल किया जा सकता है।
- फिलहाल यह योजना एनसीआर में लागू है।
- देशभर में इसे लागू करने के लिए केंद्र सरकार से समन्वय करने की आवश्यकता है।
एनसीआर में कलर-कोडेड स्टिकर का इतिहास
13 अगस्त, 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर में कलर-कोडेड स्टिकर योजना लागू की।
- हल्का नीला रंग: पेट्रोल/सीएनजी वाहनों के लिए।
- नारंगी रंग: डीजल वाहनों के लिए।
देशभर में लागू करने पर विचार
जस्टिस अभय एस. ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि एनसीआर की तर्ज पर इसे पूरे देश में लागू किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के परिवहन सचिवों और आयुक्तों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया।
अदालत का सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि:
“क्या अनुच्छेद-142 के तहत शक्तियों का प्रयोग करके एनसीआर राज्यों से संबंधित आदेश को अन्य राज्यों पर भी लागू किया जाए, या केंद्रीय मोटर वाहन नियमों के तहत इसे लागू करना पर्याप्त होगा?”
सभी पक्षों से सुझाव मांगे गए
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में उपस्थित अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी, न्याय मित्र अपराजिता सिंह और अन्य पक्षों से इस मुद्दे पर सुझाव देने को कहा। इसके आधार पर देशव्यापी आदेश पारित किया जाएगा।