शिक्षामित्रों के तबादला और समायोजन के लिए नई भारांक प्रणाली लागू
उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों के तबादला और समायोजन के लिए एक नया और पारदर्शी भारांक प्रणाली लागू की है। इसके तहत, प्रत्येक पद के लिए आवेदन करने वाले शिक्षामित्रों का चयन 60 अंकों के भारांक के आधार पर किया जाएगा। यह कदम शिक्षामित्रों के समायोजन और तैनाती प्रक्रिया को अधिक व्यवस्थित और निष्पक्ष बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
60 नंबर के भारांक का आधार
सरकार द्वारा निर्धारित 60 अंकों के भारांक के तहत निम्नलिखित मापदंड शामिल किए गए हैं:
- हर वर्ष की नौकरी के लिए 1 नंबर, अधिकतम 20 नंबर।
- गंभीर या असाध्य रोग से ग्रसित शिक्षामित्र या उनके परिवार के सदस्य (पति-पत्नी, अविवाहित बेटे-बेटियां) के लिए 10 नंबर।
- दिव्यांग शिक्षामित्र या उनके पति-पत्नी या अविवाहित बच्चों के लिए 10 नंबर।
- एकल अभिभावक होने पर 10 नंबर।
- सरकारी नौकरी में कार्यरत पति-पत्नी के लिए 10 नंबर।
तबादले के लिए समिति की भूमिका
तबादला प्रक्रिया के तहत जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति शिक्षामित्रों के आवेदन की समीक्षा करेगी। इस समिति में सीडीओ, डायट प्राचार्य, बीएसए, और सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी शामिल होंगे। शिक्षामित्रों के भारांक और प्राथमिकता के आधार पर उनका स्थानांतरण किया जाएगा।
मानव संपदा पोर्टल का उपयोग
तबादला प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए मानव संपदा पोर्टल का उपयोग किया जाएगा। पोर्टल पर:
- शिक्षामित्रों का डाटा अपडेट किया जाएगा।
- शिक्षामित्र अपनी लॉगिन आईडी से डाटा डाउनलोड कर सकेंगे।
- यह डाटा सत्यापन के लिए बीईओ कार्यालय में जमा करना होगा।
नक्सल क्षेत्रों में विशेष प्राथमिकता
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षामित्रों की तैनाती के लिए अतिरिक्त पदों का प्रावधान किया गया है। ऐसे क्षेत्रों में:
- जहां एक भी शिक्षामित्र नहीं है, वहां तीन पद चिह्नित किए जाएंगे।
- जहां एक शिक्षामित्र कार्यरत है, वहां दो अतिरिक्त पद होंगे।
- जहां दो शिक्षामित्र हैं, वहां एक और पद जोड़ा जाएगा।
बराबर भारांक होने पर वरिष्ठता का आधार
यदि दो या दो से अधिक शिक्षामित्रों का भारांक समान हो, तो वरिष्ठता के आधार पर नए विद्यालय आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी।
संघ की प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश शिक्षामित्र संघ ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला और महामंत्री सुशील कुमार यादव ने इसे शिक्षामित्रों के हित में एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने सरकार से मानदेय वृद्धि पर भी जल्द निर्णय लेने की मांग की है।