शिक्षामित्रों का इंतजार और लंबा होता जा रहा है: मानदेय बढ़ाने और तबादले का मामला फंसा
उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में तैनात लगभग 1.42 लाख शिक्षामित्रों का मूल विद्यालय वापसी (तबादला) और मानदेय बढ़ाने का इंतजार और लंबा होता जा रहा है। बेसिक शिक्षा मंत्री से लेकर प्रमुख सचिव तक हर बार आश्वासन तो मिला, लेकिन अब तक कोई आदेश नहीं जारी हुआ है।
मानदेय बढ़ाने का मामला फंसा
शिक्षामित्रों के मानदेय बढ़ाने का मामला बेसिक शिक्षा और वित्त विभाग के बीच फंसा हुआ है। विभाग ने बिना किसी संस्तुति के मानदेय बढ़ाने का प्रस्ताव वित्तीय समीक्षा के लिए वित्त विभाग को भेज दिया, लेकिन वित्त विभाग ने यह कहते हुए फाइल वापस कर दी कि विभाग ने कोई प्रस्ताव ही नहीं दिया।
शिक्षामित्र संघ की मांगें
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला ने कहा कि शिक्षामित्रों की मूल विद्यालय वापसी, मानदेय बढ़ाने और महिला शिक्षिकाओं को उनके घर के पास विद्यालय आवंटित करने की मांगें लंबित हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों को जल्द से जल्द राहत देने के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए।
सरकार का आश्वासन
बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. एमकेएस सुंदरम ने कहा कि शिक्षामित्रों के तबादले और मानदेय बढ़ाने के मामले पर जल्द ही आदेश जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस पर तेजी से काम हो रहा है और जल्द ही शिक्षामित्रों को खुशखबरी मिलेगी।