नए वर्ष में उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव

नए वर्ष में उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव

उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षा के आधुनिकीकरण के लिए कई योजनाओं को मंजूरी दी है। स्मार्ट क्लासेस, आईसीटी लैब्स और अन्य डिजिटल सुविधाओं के माध्यम से स्कूलों को उन्नत बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है।

प्राइमरी स्कूलों में स्मार्ट क्लास और आईसीटी लैब

नए वर्ष में प्रदेश के 7,409 प्राइमरी स्कूलों में स्मार्ट क्लास शुरू की जाएंगी। फिलहाल प्रदेश में 18,381 स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस संचालित हो रही हैं।

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इसके साथ ही 5,258 प्राइमरी स्कूलों में आईसीटी लैब की स्थापना का कार्य भी किया जाएगा। लखनऊ स्थित स्कूल शिक्षा महानिदेशालय में स्टेट लेवल डिजिटल स्टूडियो की स्थापना की योजना है।

शिक्षा के क्षेत्र में अन्य महत्वपूर्ण बदलाव

  • कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में प्रधानाचार्य, शिक्षक और लिपिक के रिक्त पद भरे जाएंगे।
  • 1,265 प्राइमरी स्कूलों के जर्जर भवनों का कायाकल्प किया जाएगा।
  • माध्यमिक विद्यालयों में लैब और स्मार्ट क्लासेस को मंजूरी।
  • 27 जिलों में मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालय की स्थापना होगी।
  • 34 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों का उच्चीकरण किया जाएगा।

उच्च शिक्षा में नई पहल

नई शिक्षा नीति 2020 के तहत उच्च शिक्षा में भी कई योजनाएं लागू की जा रही हैं:

  • डिजिटल लाइब्रेरी में 77,000 ई-कंटेंट को बढ़ाकर 1 लाख तक किया जाएगा।
  • 172 राजकीय महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क स्थापित होंगे।
  • 83 राजकीय महाविद्यालयों में स्मार्ट क्लासेस शुरू की जाएंगी।
  • तीन नए राज्य विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों के बाद अब पढ़ाई शुरू की जाएगी।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है। स्मार्ट क्लास, आईसीटी लैब्स और डिजिटल स्टूडियो जैसे प्रयास राज्य के छात्रों को तकनीकी रूप से सक्षम और भविष्य के लिए तैयार बनाने में सहायक होंगे।


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