गोरखपुर: परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की अनुपस्थिति पर कड़ा एक्शन
गोरखपुर जिले में परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने की मंशा अब तक परवान नहीं चढ़ सकी है। हर महीने अनुपस्थित पाए जाने वाले शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों पर कार्रवाई की जाती है, लेकिन न तो शिक्षकों में अनुशासन का भय है और न ही कार्य प्रणाली में कोई सुधार दिखाई देता है।
निरीक्षण में 167 शिक्षक अनुपस्थित पाए गए
21 नवंबर से 20 दिसंबर तक विभाग द्वारा किए गए निरीक्षण अभियान के दौरान 167 शिक्षक बिना सूचना के अनुपस्थित पाए गए। इन सभी के खिलाफ वेतन कटौती करते हुए स्पष्टीकरण तलब किया गया है। बीएसए कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, जंगल कौड़िया विकास खंड के विद्यालयों में सर्वाधिक 25 शिक्षक अनुपस्थित पाए गए।
विकास खंडवार अनुपस्थिति का आंकड़ा
- जंगल कौड़िया: 25
- बड़हलगंज: 20
- पाली: 18
- गोला: 13
- बांसगांव: 13
- बेलघाट: 06
- सहजनवां: 06
- सरदारनगर: 05
- ब्रह्मपुर: 05
- खजनी, चरगांवा, पिपराइच: 04-04
अनुशासनहीनता के खिलाफ सख्त कार्रवाई
बीएसए कार्यालय के अनुसार, बिना सूचना के अनुपस्थिति को अनुशासनहीनता माना गया है। माहभर के निरीक्षण में पाए गए सभी शिक्षकों के अनुपस्थित दिनों का वेतन काटा गया है और उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है।
“बिना किसी सूचना के स्कूलों से अनुपस्थित रहना अनुशासनहीनता है। विभाग इस पर गंभीर है। सभी 167 शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है और आगे और सख्त कदम उठाए जाएंगे।”
– रमेंद्र कुमार सिंह, बीएसए
पूर्व निरीक्षणों के आंकड़े
इसके पूर्व जुलाई-अगस्त में हुए निरीक्षण में 271 शिक्षक अनुपस्थित पाए गए थे। यह दर्शाता है कि शिक्षकों की अनुपस्थिति में कमी के बजाय बढ़ोतरी हो रही है, जो कि एक गंभीर समस्या है।
क्या यह कदम कारगर होगा?
अब देखना यह है कि बीएसए द्वारा की गई यह कार्रवाई कितनी प्रभावी साबित होती है। यदि शिक्षकों पर सख्त अनुशासनात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है।