शासनादेश: उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के अन्तः जनपदीय पारस्परिक स्थानान्तरण के सम्बन्ध में।

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के अन्तः जनपदीय पारस्परिक स्थानान्तरण के सम्बन्ध में।

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण (Inter-District Mutual Transfer) का प्रावधान उन शिक्षकों के लिए है जो अपने कार्य क्षेत्र को बदलने या परिवारिक, सामाजिक, या व्यक्तिगत कारणों से अपने गृह जनपद या किसी अन्य इच्छित जनपद में स्थानांतरित होना चाहते हैं। इस प्रक्रिया का उद्देश्य शिक्षकों की व्यक्तिगत और व्यावसायिक जरूरतों का समन्वय करना है ताकि वे प्रभावी तरीके से शिक्षा प्रदान कर सकें।

म्यूच्यूअल स्थानांतरण—

प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय का प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय।

सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय का सहायक अध्यापक प्राथमिक विद्यालय।

सहायक अध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय का सहायक अध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय।

प्रधानाध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय का प्रधानाध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय।

उपरोक्त मानक संविलियन वाले विद्यालयों पर भी इन्हीं श्रेणियों में अनुमन्य होगे

स्थानांतरण प्रक्रिया की मुख्य विशेषताएं:

1. आवेदन प्रक्रिया:

शिक्षकों को अपनी इच्छित स्थानांतरण की मांग ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करके करनी होती है।

आवेदन पत्र में शिक्षकों को अपना वर्तमान कार्यस्थल, इच्छित जनपद, और स्थानांतरण के लिए इच्छित कारणों का उल्लेख करना होता है।

2. पारस्परिक स्थानांतरण:

यह स्थानांतरण तभी संभव है जब दोनों संबंधित जनपदों में एक ही विषय के शिक्षकों के बीच सहमति हो।

WhatsApp Channel Join Now
WhatsApp Group Join Now
Telegram Channel Join Now

स्थानांतरण प्रक्रिया में शामिल दोनों शिक्षकों को ऑनलाइन पोर्टल पर अपनी सहमति दर्ज करनी होती है।

3. योग्यता और नियम:

स्थानांतरण के लिए शिक्षक की सेवा अवधि, कार्य प्रदर्शन, और वर्तमान विद्यालय में रिक्त पदों की स्थिति का ध्यान रखा जाता है।

शिक्षकों को सेवा अवधि की न्यूनतम शर्त (जैसे 3-5 वर्ष की सेवा) पूरी करनी होती है।

कोई भी स्थानांतरण केवल उस स्थिति में अनुमत होगा, जब दोनों स्थानों पर आवश्यक संख्या में पद उपलब्ध हों।

4. दस्तावेज़:

आवेदन के साथ सेवा विवरण, नियुक्ति पत्र, अनुभव प्रमाण पत्र, और अन्य संबंधित दस्तावेज़ जमा करने होते हैं।

5. स्थानीय जरूरतों का ध्यान:

शिक्षकों के स्थानांतरण को मंजूरी देने से पहले यह सुनिश्चित किया जाता है कि छात्रों की शिक्षा प्रभावित न हो।

प्राथमिकता उन्हीं शिक्षकों को दी जाती है जिनकी उपस्थिति स्थानांतरण स्थल पर जरूरी है।

6. पोर्टल और समयसीमा:

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस प्रक्रिया के लिए विशेष ऑनलाइन पोर्टल उपलब्ध कराया गया है।

प्रक्रिया की समयसीमा नियमित रूप से सरकारी अधिसूचना के माध्यम से घोषित की जाती है।

चुनौतियां और समाधान:

1. रिक्त पदों की कमी:

कई बार इच्छित जनपद में रिक्त पद उपलब्ध नहीं होते। इसे संतुलित करने के लिए राज्य स्तर पर पदों का पुनर्गठन किया जाता है।

2. समय पर प्रक्रिया:

शिक्षकों को समय पर स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी न होने की शिकायत रहती है। इसके लिए डिजिटल प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाया गया है।

3. पारस्परिक सहमति:

शिक्षकों के बीच पारस्परिक सहमति न होने के कारण कई बार स्थानांतरण अटक जाते हैं। इसके लिए समन्वय बैठकों का आयोजन किया जाता है।

निष्कर्ष:

उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा अंतर्जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण प्रक्रिया शिक्षकों को उनके परिवार और सामाजिक जिम्मेदारियों के साथ पेशेवर जिम्मेदारियों के संतुलन में मदद करती है। यह प्रक्रिया न केवल शिक्षकों की कार्य संतुष्टि बढ़ाने में सहायक है, बल्कि छात्रों की शिक्षा गुणवत्ता को भी प्रभावित करती है। सरकार इस प्रक्रिया को पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए डिजिटल माध्यमों और नियमों को अद्यतन करती रहती है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top