बजट 2024: मध्यम वर्ग को राहत
लेखक: आपका नाम | जनवरी 2024
सरकार आगामी बजट में मध्यम वर्ग को दे सकती है बड़ी आयकर राहत
भारतीय सरकार आगामी संघीय बजट 2024, जो 1 फरवरी को पेश होने वाला है, में मध्यम वर्ग के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा कर सकती है। मौजूदा आर्थिक मंदी को देखते हुए, सरकार का उद्देश्य उपभोग को बढ़ावा देने के लिए 15 लाख रुपये सालाना तक आय करने वालों के लिए आयकर में राहत प्रदान करना है।
आयकर संरचना: मध्यम वर्ग के लिए एक नया प्रस्ताव
वर्तमान में, आयकर संरचना एक स्तरीय प्रणाली के तहत कार्य करती है, जिसमें तीन लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर 5% से 20% के बीच आयकर लगता है, और इससे अधिक आय पर 30% कर लगता है। सरकार द्वारा प्रस्तावित नए नियमों के तहत, आयकर दरों में कमी की संभावना है, जिससे मध्यम वर्ग के करदाताओं को बड़ा लाभ मिल सकता है।
नई कर प्रणाली में, घर के किराए और बीमा प्रीमियम जैसी छूट नहीं मिलती। हालांकि, यह राहत देने की योजना सरकार की ओर से मध्यम वर्ग के परिवारों पर बढ़ रहे आर्थिक दबाव को कम करने का एक बड़ा कदम हो सकती है, खासकर शहरी क्षेत्रों में जहाँ जीवन यापन की लागत तेजी से बढ़ी है।
मध्यम वर्ग को राहत की आवश्यकता क्यों है
भारत का मध्यम वर्ग, विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में, बढ़ती जीवन लागत, जैसे खाद्य मुद्रास्फीति और आवासीय खर्च, का सामना कर रहा है। आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं, जैसे खाद्य पदार्थों, ऑटोमोबाइल्स और घरेलू उत्पादों की मांग में गिरावट आई है, जो विशेष रूप से शहरी बाजारों में देखी गई है। इस स्थिति ने अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है, जिससे विकास दर में मंदी आई है।
सरकार का प्रस्तावित यह कदम, मध्यम वर्ग के करदाताओं के हाथ में अधिक पैसे डालने के लिए है, जिससे वे अधिक खर्च करें और वस्त्र, सेवाओं और उत्पादों की मांग को बढ़ावा दें। यह मांग में वृद्धि अर्थव्यवस्था को गति देने में मदद कर सकती है और आर्थिक विकास को पुनर्जीवित कर सकती है।
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव: एक कदम पुनःप्रारंभ की ओर
विशेषज्ञों का मानना है कि मध्यम वर्ग को अधिक पैसा देने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। भारत पहले ही विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन जुलाई-सितंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था का विकास पिछली सात तिमाहियों में सबसे धीमा रहा है। इस स्थिति को बदलने के लिए सरकार का कदम, करों में राहत देने और उपभोग को बढ़ावा देने का एक प्रभावी तरीका हो सकता है।
आयकर दरों में कमी से, अधिक लोग नई कर प्रणाली को अपनाने के लिए प्रेरित हो सकते हैं, जिससे कर प्रणाली सरल हो जाएगी। इससे अधिक वित्तीय गतिविधि शुरू हो सकती है और अर्थव्यवस्था को गति मिल सकती है।
यह कदम आम भारतीयों के लिए क्या मायने रखता है?
आम भारतीय करदाता के लिए, यह कदम उनके हाथों में अधिक पैसा डाल सकता है, जिससे वे आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं पर अधिक खर्च कर सकेंगे। सरकार का यह कदम विशेष रूप से उन परिवारों के लिए महत्वपूर्ण है, जो शहरी क्षेत्रों में बढ़ते हुए खर्चों से जूझ रहे हैं।
यह कर राहत मध्यम वर्ग पर से बोझ कम करने का एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है, जिससे वे अधिक बचत और खर्च कर सकेंगे। यह सीधे तौर पर भारतीय अर्थव्यवस्था को पुनः सक्रिय करने और समग्र आर्थिक विकास में योगदान देने में मदद कर सकता है।