बैंक धोखाधड़ी में 27% की वृद्धि, रकम 8 गुना बढ़ी
2024 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में 27.49% बढ़कर 18,461 हो गए।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की रिपोर्ट के अनुसार, इन धोखाधड़ी मामलों में
शामिल धनराशि 8 गुना बढ़कर 21,367 करोड़ रुपये हो गई,
जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में केवल 2,623 करोड़ रुपये थी।
सरकारी बैंकों को सबसे अधिक नुकसान
वाणिज्यिक, सहकारी और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों पर धोखाधड़ी के मामलों में
सरकारी बैंकों को सबसे अधिक नुकसान हुआ।
कुल धोखाधड़ी के मामलों में निजी बैंकों की हिस्सेदारी 67.1% रही।
इंटरनेट बैंकिंग और कार्ड धोखाधड़ी के मामलों ने
85.3% योगदान दिया, जबकि इनमें धनराशि के हिसाब से हिस्सेदारी 44.7% रही।
जुर्माने की राशि में वृद्धि
वित्त वर्ष 2023-24 में विभिन्न बैंक समूहों (सरकारी, निजी और सहकारी) पर कुल
86.1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। यह राशि पिछले वर्ष की तुलना में
दोगुने से अधिक है। हालांकि, सहकारी बैंकों पर लगाए गए जुर्माने की राशि में
कमी आई है, जबकि मामलों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है।
डिजिटल धोखाधड़ी में वृद्धि
डिजिटल धोखाधड़ी के मामलों में अवैध बैंक खातों और
फर्जी कंपनियों के इस्तेमाल में तेज वृद्धि देखी गई। इन धोखाधड़ी मामलों ने
ग्राहकों का विश्वास कमजोर किया है और बैंकिंग प्रणाली के
परिचालन जोखिम को बढ़ाया है।
महत्वपूर्ण आंकड़े
- 2024 की पहली छमाही में 18,461 मामले दर्ज।
- धनराशि: 21,367 करोड़ रुपये (2023 में: 2,623 करोड़ रुपये)।
- डिजिटल धोखाधड़ी में 85.3% मामले और 44.7% धनराशि शामिल।
- पिछले वर्ष की तुलना में 27.49% अधिक मामले।
- जुर्माने की राशि: 86.1 करोड़ रुपये।
आरबीआई की सिफारिशें
आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे धोखाधड़ी रोकने के लिए
जोखिम प्रबंधन को मजबूत करें। बैंकों को अवैध गतिविधियों
की निगरानी बढ़ाने और ग्राहक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए
उपाय अपनाने की आवश्यकता है।
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