सिविल सेवा परीक्षाओं में झूठे दावों वाले भ्रामक विज्ञापनों पर कोचिंग संस्थानों पर सीसीपीए द्वारा लगाया गया जुर्माना




सीसीपीए की कार्रवाई: कोचिंग संस्थानों पर जुर्माना

सिविल सेवा परीक्षाओं में भ्रामक दावे करने वाले कोचिंग संस्थानों पर सीसीपीए की कार्रवाई

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नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने
सिविल सेवा परीक्षाओं में खुद की सफलता दर को लेकर भ्रामक दावे करने वाले
तीन कोचिंग संस्थानों पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
इन संस्थानों पर आरोप है कि उन्होंने अपने झूठे विज्ञापनों के जरिए छात्रों को गुमराह किया।

यूपीएससी 2022 और 2023 के नतीजों को लेकर भ्रामक दावे करने पर
बाजीराव एंड रेड्डी इंस्टिट्यूट और स्टडी आईक्यू आईएएस पर
7-7 लाख रुपये, तथा एज आईएएस पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।

झूठे विज्ञापनों पर सीसीपीए का कड़ा रुख

सीसीपीए ने अब तक 45 नोटिस जारी कर
22 कोचिंग संस्थानों से कुल 71.6 लाख रुपये का जुर्माना वसूला है।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत भ्रामक विज्ञापन देना एक गंभीर अपराध है।
ऐसे मामलों में गलत जानकारी छिपाने वाले संस्थानों पर जुर्माना लगाया जा सकता है।

मुख्य आयुक्त निधि खरे के नेतृत्व में हुई जांच में पाया गया कि कई
संस्थानों ने अपनी सफलता दर को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया।
इसके अलावा, विज्ञापनों में यह बात छिपाई गई कि यूपीएससी में कामयाब अधिकांश उम्मीदवारों ने
केवल साक्षात्कार मार्गदर्शन कार्यक्रम में दाखिला लिया था।

भ्रामक दावे: संस्थानों की असफलता

बाजीराव एंड रेड्डी संस्थान ने 2022 की परीक्षा में 933 में से 617 चयन का दावा किया था।
स्टडी आईक्यू आईएएस ने 2023 में 120 चयन का विज्ञापन दिया।
हालांकि, जांच में पाया गया कि दोनों संस्थानों के उम्मीदवारों में अधिकांश ने केवल
साक्षात्कार की तैयारी के लिए कोचिंग ली थी।

स्टडी आईक्यू आईएएस अपने “सफलता पक्का” और “चयन पक्का” ऑफर को साबित करने में असमर्थ रहा।
वह अपनी सफलता के दावों के लिए नामांकन फॉर्म और शुल्क रसीदें प्रस्तुत नहीं कर पाया।
इसके अलावा, संस्थान ने 60 से अधिक पाठ्यक्रमों का भ्रामक विज्ञापन किया।

सीसीपीए की सख्ती

सीसीपीए ने झूठे और भ्रामक विज्ञापनों पर कड़ी कार्रवाई करने की योजना बनाई है।
यह कदम छात्रों को गुमराह करने से रोकने और कोचिंग संस्थानों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भ्रामक दावों पर भविष्य में भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

नोट: छात्र-छात्राओं को सलाह दी जाती है कि कोचिंग संस्थानों के दावों को जांचें और भ्रामक विज्ञापनों से बचें।
सटीक जानकारी के लिए संस्थानों की प्रमाणिकता की पुष्टि करें।

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