प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत संपत्ति कार्ड वितरण और ग्रामीण विकास पर जानकारी




प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना: संपत्ति कार्ड वितरण

प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना: 74 जिलों के ग्रामीणों को मिलेगा घरौनी का अधिकार

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत
देशभर में संपत्ति कार्ड वितरित करेंगे। उत्तर प्रदेश के 74 जिलों के
29,000 ग्रामीणों को उनके मोबाइल फोन पर एक लिंक मैसेज प्राप्त होगा,
जिसके माध्यम से वे अपने घरों की घरौनी प्राप्त कर सकेंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ में और
उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक सीतापुर में आयोजित कार्यक्रमों में उपस्थित रहेंगे।

लंबे समय से लंबित विवादों का समाधान

उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि वर्षों से पैतृक घरों में रहने वाले लोग,
जिनके पास दस्तावेज नहीं थे, अब स्वामित्व योजना के तहत अपने घरों की
घरौनी प्राप्त कर सकेंगे। यह योजना 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा
शुरू की गई थी। अब ग्रामीणों को यह भरोसा मिलेगा कि उनके घर और संपत्ति का स्वामित्व उनके पास है,
जिससे जमीन-जायदाद के विवाद समाप्त हो सकेंगे।

सरकार की ऐतिहासिक पहल

उप मुख्यमंत्री ने कहा, “कई सरकारें आईं और गईं, लेकिन जमीन-जायदाद के विवादों के समाधान के लिए
कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस सपने को साकार किया है।”
शुक्रवार को इस योजना के तहत लगभग 58 लाख संपत्ति कार्ड वितरित किए जाएंगे।
अब तक 1.49 लाख गांवों में 2.19 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए गए हैं।

ग्राम पंचायतों को होगा लाभ

स्वामित्व योजना से ग्राम पंचायतों को भी जमीनों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करने में सुविधा होगी।
नई सरकारी योजनाओं में नए मकान बनाने के लिए निर्विवाद संपत्ति ग्राम पंचायत के माध्यम से उपलब्ध कराई जा सकेगी।
इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति विवाद में कमी आएगी और विकास को बढ़ावा मिलेगा।

कार्यक्रम की प्रमुख बातें

इस अवसर पर भाजपा महानगर कार्यालय, कैसरबाग में आयोजित प्रेस वार्ता में
जिला अध्यक्ष विनय प्रताप सिंह, विधायक बीकेटी योगेश शुक्ला,
मीडिया प्रभारी प्रवीण गर्ग, महामंत्री राम अवतार कनौजिया,
विजय भुर्जी और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

नोट: प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति स्वामित्व को सुदृढ़ करने की
एक ऐतिहासिक पहल है। यह न केवल संपत्ति विवादों को समाप्त करेगी, बल्कि ग्राम पंचायतों और ग्रामीण
विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।

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