उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारियों को संपत्ति का विवरण देने के निर्देश,







संपत्ति विवरण: उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए निर्देश

उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारियों को 31 जनवरी तक देना होगा संपत्ति विवरण

उत्तर प्रदेश सिविल सेवा (पीसीएस) के अधिकारियों और राज्य के अन्य सभी सरकारी कर्मचारियों को
31 जनवरी 2025 तक अपनी चल-अचल संपत्ति का विवरण अनिवार्य रूप से देना होगा।
ऐसा न करने पर 1 फरवरी 2025 से इन कर्मियों के खिलाफ प्रमोशन रोकने और
अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इस संबंध में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और प्रमुख सचिव कार्मिक एम. देवराज ने
निर्देश जारी किए हैं।

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मुख्य सचिव के निर्देश

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि राज्य सरकार के सभी कर्मियों को
उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली के अंतर्गत
अपनी अर्जित चल-अचल संपत्ति का विवरण देना होगा।
इस विवरण को मानव संपदा पोर्टल पर 1 जनवरी 2025 से
ऑनलाइन प्रस्तुत किया जा सकेगा।

पीसीएस अधिकारियों के लिए विशेष निर्देश

प्रमुख सचिव एम. देवराज ने पीसीएस अधिकारियों को
स्पैरो पोर्टल पर संपत्ति का विवरण ऑनलाइन देने के निर्देश दिए हैं।
पुराने प्रारूप को निरस्त कर दिया गया है और
इसके स्थान पर वार्षिक कार्य निष्पादन मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार की गई है।
पीसीएस अधिकारियों को नए प्रारूप में संपत्ति का विवरण 31 जनवरी 2025 तक प्रस्तुत करना होगा।

नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई

संपत्ति की जानकारी न देने वाले कर्मियों के खिलाफ इसे प्रतिकूल माना जाएगा।
विभागीय चयन समितियों की बैठकों में इसका संज्ञान लिया जाएगा।
प्रमोशन रोकने के साथ-साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

अब तक का अनुपालन

राज्य में कुल 8.5 लाख सरकारी कर्मी हैं, जिनमें से
95% ने अपनी संपत्ति का विवरण पहले ही दे दिया है।
पिछली बार 34,000 कर्मचारियों ने संपत्ति का विवरण प्रस्तुत नहीं किया था,
जिन्हें चेतावनी दी गई थी।

नोट: उत्तर प्रदेश सरकार ने संपत्ति विवरण के मामले में
पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया है।
सभी सरकारी कर्मचारियों को समय पर अनुपालन करना अनिवार्य है।


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