निपुण आकलन: बच्चों की असहजता और शिक्षकों की भूमिका
इस प्रक्रिया के दौरान, स्कूलों में पहुंचने वाली टीम शिक्षकों को आकलन के समय कक्षाओं में मौजूद रहने से रोक रही है।
इस वजह से कक्षा एक और दो के छोटे बच्चे असहज महसूस कर रहे हैं।
कई शिक्षकों का कहना है कि बच्चों के इस डर के कारण उनके परिणाम प्रभावित हो सकते हैं।
शिक्षकों की चिंता
शिक्षकों का मानना है कि टीम के सामने बच्चे डर महसूस कर रहे हैं,
जिससे उनकी प्रदर्शन क्षमता में कमी आ रही है।
उन्होंने कहा कि यदि बच्चों का परिणाम गड़बड़ाता है, तो इसकी जिम्मेदारी उनकी नहीं होगी।
शिक्षकों ने यह भी बताया कि ऊपरी स्तर से शिक्षकों को रोकने का कोई स्पष्ट आदेश नहीं है।
निपुण आकलन की आवश्यकता
निपुण बनने के लिए छात्रों को निपुण टेस्ट में पास होना आवश्यक है।
इस आकलन में गणित और भाषा कौशल का परीक्षण किया जाता है।
गणित में संख्या ज्ञान, संख्यात्मक पैटर्न, संख्यात्मक क्रियाएं,
आकार पहचान, और नोट और सिक्कों का प्रयोग शामिल है।
इस आकलन का उद्देश्य बच्चों की आधारभूत क्षमताओं का विकास करना है।
शिक्षकों की भूमिका
राम प्रवेश, बीएसए ने स्पष्ट किया कि आकलन के दौरान शिक्षकों को कक्षाओं में उपस्थित रहना चाहिए,
लेकिन उन्हें बच्चों को कोई सहायता नहीं करनी है। यदि किसी प्रशिक्षु द्वारा शिक्षकों को कक्षा में प्रवेश से रोका जाता है,
तो इसकी सूचना तुरंत संबंधित कार्यालय को दी जानी चाहिए।
नई शिक्षा नीति और आकलन प्रक्रिया
नई शिक्षा नीति के तहत, राजधानी के 321 सरकारी स्कूलों में कक्षा एक और दो के बच्चों का आकलन किया जा रहा है।
इस प्रक्रिया का उद्देश्य बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता को परखना और उनकी निपुणता सुनिश्चित करना है।
यह आकलन बच्चों के समग्र विकास और व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है।
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