सरकार का शीर्ष नौकरशाही में फेरबदल: शिक्षा मंत्रालय में नई नियुक्ति

केंद्र सरकार का शीर्ष नौकरशाही में फेरबदल: शिक्षा मंत्रालय में नई नियुक्ति

**विनीत जोशी की दिल्ली वापसी**

केंद्र सरकार ने शीर्ष नौकरशाही में फेरबदल करते हुए विनीत जोशी को शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा सचिव की जिम्मेदारी सौंपी है। जोशी, जो मणिपुर कैडर के 92 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं, को डेढ़ साल पहले अशांत मणिपुर में भेजा गया था। अब उन्हें दिल्ली बुलाकर शिक्षा मंत्रालय की इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी पर नियुक्त किया गया है।

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यह पद के. संजय मूर्ति के देश के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) बनने के बाद खाली था। फिलहाल, शिक्षा मंत्रालय के शिक्षा सचिव संजय कुमार इस जिम्मेदारी को संभाल रहे थे।

**प्रमुख मंत्रालयों में फेरबदल**

केंद्र सरकार ने छह और वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों का भी तबादला किया है। इनमें कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों और विभागों में नए सचिवों की नियुक्ति की गई है।

  • कपड़ा मंत्रालय की सचिव रचना शाह को केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय (डीओपीटी) का नया सचिव बनाया गया है। वह केरल कैडर की 91 बैच की अधिकारी हैं।
  • अरुणिश चावला, जो रसायन व उर्वरक मंत्रालय के फार्मा विभाग के सचिव थे, को वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग का सचिव नियुक्त किया गया है। साथ ही, उन्हें संस्कृति मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है। चावला बिहार कैडर के 92 बैच के अधिकारी हैं।
  • संजय सेठी को अल्पसंख्यक मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का नया सचिव बनाया गया है। वह महाराष्ट्र कैडर के 92 बैच के अधिकारी हैं।
  • अब तक इस पद पर रहीं नीलम शमी राव, मध्य प्रदेश कैडर की 92 बैच की अधिकारी, को कपड़ा मंत्रालय का नया सचिव बनाया गया है।

**प्रमुख परिवर्तन की वजह**

हाल के महीनों में सरकार द्वारा प्रमुख विभागों में उच्च पदों पर नियुक्तियों और तबादलों को लेकर सक्रियता देखी गई है। यह कदम विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की कार्यक्षमता को बढ़ाने और नई ऊर्जा लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

विशेष रूप से, राजस्व विभाग में नई नियुक्ति इस दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है क्योंकि पूर्व राजस्व सचिव संजय अग्रवाल को हाल ही में रिजर्व बैंक का गवर्नर बनाया गया है।

**निष्कर्ष**

इन फेरबदल से केंद्र सरकार ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में नेतृत्व की नई सोच और अनुभव का समावेश हो। यह कदम राष्ट्रीय प्रशासन को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।

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