सावधान रहें! साइबर अपराधी एआई और एपीके फाइल के जरिए ठगी कर रहे हैं
■ अखिलेश सिंह, रांची।
**आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग कर हो रही है ठगी**
साइबर अपराधी अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग कर ठगी के नए-नए तरीके अपनाने लगे हैं। हाल ही में झारखंड पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी की आवाज को एआई के माध्यम से कॉपी कर एक व्यक्ति से ₹2 लाख की ठगी की गई।
यह घटना तब उजागर हुई, जब अधिकारी ने अपने आधिकारिक ग्रुप में इस घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसी ने नकली आवाज का इस्तेमाल कर उनके परिचित से पैसे ऐंठ लिए।
**कैसे करें एआई जालसाजी से बचाव?**
नोएडा की डीसीपी साइबर क्राइम प्रीति यादव ने एआई जालसाजी से बचने के लिए कुछ सुझाव दिए हैं:
- मशीन से बनाई गई आवाज पर ध्यान दें, आपको गौर करने पर अंतर पता चल जाएगा।
- अगर किसी अनजान नंबर से कॉल आए और उसमें परिचित व्यक्ति की आवाज सुनाई दे तो क्रॉस वेरिफाई जरूर करें।
- जिस व्यक्ति की आवाज सुनाई दे रही है, उससे उनके असली नंबर पर संपर्क करें।
- पैसे मांगने वाली किसी भी कॉल पर तुरंत भरोसा न करें।
- ऑडियो फ्रॉड से बचने के लिए आवाज को ध्यानपूर्वक सुनें।
**एपीके फाइल से सावधान रहें**
साइबर ठग एपीके फाइल का उपयोग कर भी ठगी कर रहे हैं। एपीके फाइल डाउनलोड करने पर आपके फोन के मैसेज, गैलरी, कॉन्टैक्ट आदि का पूरा एक्सेस ठगों को मिल जाता है।
यह फाइलें अक्सर सरकारी योजनाओं के नाम पर भेजी जाती हैं, जैसे ‘पीएम किसान न्यू लिस्ट डॉट एपीके’ या ‘पीएम किसान लिस्ट डॉट एपीके’। इन्हें डाउनलोड करने पर ठग आपके खाते से राशि उड़ाने में सक्षम हो जाते हैं।
**ठगी का शिकार होने पर क्या करें?**
अगर आप ठगी का शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत मदद लें:
- 1930 पर कॉल करें।
- cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।