गृह मंत्री अमित शाह ने अज्ञात शवों की पहचान के लिए बायोमैट्रिक के इस्तेमाल पर जोर दिया
नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने अज्ञात शवों की पहचान के लिए बायोमैट्रिक के इस्तेमाल पर जोर दिया है। यह सलाह उन्होंने राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के साथ तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की समीक्षा के दौरान दी। शाह ने यह भी सुनिश्चित करने की बात की कि तीनों आपराधिक कानूनों के तहत केस के हर चरण का अलर्ट पीड़ित, जांच अधिकारी और वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा जाए।
बायोमैट्रिक डेटा का उपयोग
अमित शाह ने कहा कि देश में 133 करोड़ से अधिक लोगों के आधार कार्ड बन चुके हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अधिकांश लोगों का बायोमैट्रिक डाटा यूआइडीएआइ के पास मौजूद है। इस डाटा का इस्तेमाल जांच एजेंसियों द्वारा अज्ञात शवों और व्यक्तियों की पहचान में किया जा सकता है। बायोमैट्रिक डाटा के इस्तेमाल से शवों और अज्ञात व्यक्तियों की सटीक पहचान आसानी से की जा सकती है, जिससे जांच की प्रक्रिया में मदद मिलेगी।
कानून के क्रियान्वयन की समीक्षा
बैठक के दौरान गृह मंत्री ने तीनों नए आपराधिक कानूनों के तहत केस के हर चरण की जानकारी अलर्ट के माध्यम से भेजने की प्रक्रिया की समीक्षा की। उनका कहना था कि इससे पीड़ित का कानून पर विश्वास बढ़ेगा, और जांच अधिकारियों तथा वरिष्ठ अधिकारियों को केस की जानकारी मिलती रहेगी। किसी भी देरी की स्थिति में वे सतर्क हो जाएंगे, जिससे जांच में सुधार होगा।
नफीस प्रणाली की सराहना
अमित शाह ने नेशनल आटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेनटिफेकेशन सिस्टम (नफीस) को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए एनसीआरबी की सराहना की। उन्होंने जांच एजेंसियों को बायोमैट्रिक डाटा के उपयोग की आदत डालने की सलाह दी ताकि अपराधों की पहचान और निवारण में और अधिक सफलता मिल सके।
निष्कर्ष
इस बैठक के बाद, यह उम्मीद जताई जा रही है कि बायोमैट्रिक तकनीकी उपायों के प्रभावी उपयोग से अपराधियों की पहचान में तेज़ी आएगी और जांच की प्रक्रिया में सुधार होगा। अमित शाह ने कानून के प्रगति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।