इलाहाबाद हाईकोर्ट में टीजीटी-2013 नियुक्ति विवाद पर सुनवाई, शिक्षा निदेशक ने दाखिल किया हलफनामा

इलाहाबाद हाईकोर्ट में टीजीटी-2013 नियुक्ति विवाद पर सुनवाई, शिक्षा निदेशक ने दाखिल किया हलफनामा

इलाहाबाद। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने टीजीटी-2013 भर्ती मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपना व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करना उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज की जिम्मेदारी है, और इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है।

मामले की पृष्ठभूमि

यह मामला टीजीटी-2013 भर्ती से जुड़ा हुआ है, जिसमें चयन बोर्ड ने 2019 में 1167 चयनित उम्मीदवारों का अवशेष पैनल जारी किया था। इस पैनल के तहत:

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  • 860 उम्मीदवारों को नियुक्ति दी गई।
  • 307 चयनित उम्मीदवार अभी भी नियुक्ति से वंचित हैं।

इस वंचना के खिलाफ अमरोहा निवासी गौरव कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

कोर्ट की प्रतिक्रिया

इलाहाबाद हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की पीठ ने इस मामले में सुनवाई की। अदालत ने चार दिसंबर को शिक्षा निदेशक को नोटिस जारी कर पूछा था कि चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति क्यों नहीं दी गई।

शिक्षा निदेशक का हलफनामा

शिक्षा निदेशक ने कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा:

  • चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति प्रक्रिया का कार्य चयन बोर्ड का है।
  • इस प्रक्रिया में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की कोई भूमिका नहीं है।

निदेशक ने यह भी स्पष्ट किया कि नियुक्ति से संबंधित कार्यवाही का उत्तरदायित्व पूरी तरह चयन बोर्ड पर है।

याचिकाकर्ता को जवाब देने का समय

अदालत ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता को दो सप्ताह का समय दिया है, ताकि वे निदेशक द्वारा दाखिल हलफनामे पर अपना जवाब प्रस्तुत कर सकें।

अगली सुनवाई की तारीख

कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख दो जनवरी निर्धारित की है। इस दौरान आगे की कार्रवाई पर चर्चा होगी और निर्णय लिया जाएगा।

निष्कर्ष

टीजीटी-2013 भर्ती विवाद चयनित उम्मीदवारों के लिए एक लंबे समय से चिंता का विषय रहा है। अदालत का यह कदम न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह देखना होगा कि अगली सुनवाई में अदालत इस मामले में क्या निर्णय लेती है।

चयन बोर्ड और माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के बीच स्पष्ट भूमिका निर्धारण इस प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाएगा।

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