**आयुष्मान भारत योजना से कैंसर उपचार में तेजी: समय पर इलाज शुरू होने के मामलों में 33% वृद्धि**
नई दिल्ली। **आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई)** ने कैंसर के इलाज को अधिक सुलभ और समयबद्ध बनाया है। इस योजना के तहत पंजीकरण के बाद कैंसर के मामलों में इलाज जल्दी शुरू होने लगा है। 2018 में योजना शुरू होने के बाद से 30 दिनों के भीतर उपचार शुरू होने की संभावना **36 प्रतिशत अधिक** हो गई है।
### **33% अधिक मरीज समय पर शुरू करा रहे इलाज**
‘द लैंसेट रीजनल हेल्थ साउथईस्ट एशिया’ में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, पीएम-जेएवाई लागू होने के बाद से कैंसर के उपचार में तेजी आई है। यह निष्कर्ष स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआइएमईआर), चंडीगढ़ सहित कई संस्थानों के अनुसंधानकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन में सामने आया।
### **अध्ययन की प्रमुख बातें**
– तमिलनाडु, महाराष्ट्र और दिल्ली सहित छह राज्यों के सात प्रमुख कैंसर अस्पतालों में **अक्टूबर 2020 से मार्च 2022** के बीच भर्ती 6,700 कैंसर मरीजों का विश्लेषण किया गया।
– **कैंसर का उपचार शुरू करने की औसत अवधि**: रोग की पहचान के 20 दिनों के भीतर इलाज शुरू हो जाता है।
– **सिर और गर्दन के कैंसर** में 29 दिन।
– **स्तन कैंसर** में 25 दिन।
– **ब्लड कैंसर** में सबसे तेज, 11 दिन।
### **आयुष्मान भारत योजना का प्रभाव**
इस योजना के तहत पंजीकृत रोगियों में समय पर इलाज शुरू होने की संभावना बढ़ी है। विशेष रूप से निम्न आय वर्ग के लोग, जो पहले आर्थिक तंगी के कारण इलाज में देरी करते थे, अब समय पर इलाज करा पा रहे हैं।
### **कम लागत और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं**
अध्ययन में पाया गया कि आयुष्मान भारत योजना ने स्वास्थ्य सेवाओं को न केवल सुलभ बनाया, बल्कि **उपचार की लागत में कमी** और **जीवन की गुणवत्ता** में सुधार भी किया है। उच्च आय वर्ग के लोगों में उपचार में देरी कम होती है, लेकिन योजना के तहत पंजीकरण ने निम्न आय वर्ग के लोगों को भी समय पर इलाज का लाभ दिलाया है।
### **कैंसर उपचार में प्रगति का संकेत**
पिछले कुछ वर्षों में कैंसर के इलाज में देरी की समस्या कम हो गई है। आयुष्मान भारत जैसी योजनाएं स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक समावेशी और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
> यह योजना न केवल कैंसर रोगियों को राहत दे रही है, बल्कि उन्हें समय पर उपचार के लिए प्रेरित भी कर रही है।