ब्लैक बोर्ड पर प्रश्न पत्र लिखकर कराई परीक्षा

**प्राइमरी स्कूलों में अर्द्ध वार्षिक परीक्षा में शिक्षकों और प्रशिक्षुओं को हुई परेशानी** 

प्राइमरी स्कूलों में सोमवार को शुरू हुई अर्द्ध वार्षिक परीक्षाओं ने शिक्षकों और डीएलएड प्रशिक्षुओं के सामने कई समस्याएं खड़ी कर दीं। **प्रश्न पत्रों की व्यवस्था** से लेकर **निपुण ऐप की तकनीकी खामियों** तक, शिक्षण स्टाफ को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। 

### **परीक्षा संचालन की स्थिति** 
1. **प्रश्न पत्र ब्लैकबोर्ड पर लिखने की चुनौती:** 
   बीएसए कार्यालय से प्रश्न पत्र पीडीएफ में भेजे गए थे। इन्हें हाथ से लिखे प्रारूप में भेजने के कारण स्कूलों के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को पहले इन्हें ब्लैकबोर्ड पर लिखना पड़ा। 
   – परीक्षा दो पालियों में आयोजित हुई: 
     – पहली पाली: सुबह 9:30 से 11:30 
     – दूसरी पाली: 12:30 से 2:30 

2. **परीक्षा का स्वरूप:** 
   – कक्षा 1 से 5 के छात्रों की **मौखिक परीक्षा** हुई। 
   – कक्षा 6 से 8 के छात्रों ने **क्राफ्ट, कृषि, खेल, और शारीरिक शिक्षा** की परीक्षा दी। 

### **निपुण लक्ष्य ऐप की खामी** 
**निपुण लक्ष्य ऐप** पर बच्चों का एसेसमेंट करने में बड़ी समस्याएं सामने आईं। 
**एसेसमेंट का असफल परिणाम:** 
   – कक्षा 1 और 2 के बच्चों का सही उत्तर देने के बावजूद ऐप में **”नॉन निपुण”** दिखाया गया। 
   – कई स्कूलों में बच्चों का विवरण अपलोड करने पर भी स्कूल और बच्चों को **अनुपस्थित (अनुस्पथित)** दिखाया गया। 

**डीएलएड प्रशिक्षुओं की समस्या:** 
   प्रशिक्षुओं ने बच्चों की पढ़ने और लिखने की क्षमता का सही आकलन किया, लेकिन ऐप पर **गलत परिणाम** आने से वे निराश हुए। 

### **विद्या समीक्षा केंद्र से मदद की अपील:** 
– कई स्कूलों ने **विद्या समीक्षा केंद्र** से संपर्क किया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। 
– प्रशिक्षु और शिक्षक दोनों तकनीकी खामियों के कारण परेशान दिखे। 

### **प्रमुख चिंताएं और सुझाव:** 
1. **प्रश्न पत्र प्रबंधन में सुधार:** 
   डिजिटल पीडीएफ की जगह मुद्रित प्रश्न पत्र भेजे जाने चाहिए। 
2. **एसेसमेंट ऐप की तकनीकी जांच:** 
   – **निपुण लक्ष्य ऐप** की खामियों को तत्काल दूर किया जाए। 
   – एसेसमेंट प्रक्रिया को आसान और त्रुटिहीन बनाया जाए। 
3. **तकनीकी सहायता:** 
   स्कूलों में तकनीकी समस्याओं को हल करने के लिए **सहायता टीम** उपलब्ध कराई जाए। 

**निष्कर्ष:** 
परीक्षा संचालन की वर्तमान व्यवस्था और तकनीकी खामियां बच्चों और शिक्षकों दोनों के लिए परेशानी का कारण बनी हैं। समय पर समस्याओं का समाधान न होने से **परीक्षा प्रक्रिया की विश्वसनीयता** पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो सकता है। **सरकार और प्रशासन** को इस पर शीघ्र कदम उठाने की जरूरत है।

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