**माध्यमिक स्कूलों में शिक्षण कार्य प्रभावित, परीक्षाओं का दबाव बढ़ा**
उत्तर प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में नए शैक्षिक सत्र (1 अप्रैल से 23 दिसंबर) के दौरान 226 दिनों में केवल **134 दिन ही नियमित कक्षाएं** संचालित हो पाई हैं। शेष **92 दिन अवकाश** के कारण स्कूल बंद रहे। इनमें ग्रीष्मकालीन अवकाश, त्योहार, रविवार, और अन्य छुट्टियां शामिल हैं। इसके कारण **पाठ्यक्रम का पूरा होना** और छात्रों को प्रैक्टिकल अभ्यास के लिए पर्याप्त समय मिलना चुनौतीपूर्ण हो गया है।
### **मुख्य अवकाश और उनकी अवधि**
– **ग्रीष्मकालीन अवकाश:** 41 दिन (21 मई से 30 जून)
– **रविवार:** 32 दिन
– **त्योहार और अन्य प्रमुख दिवस:** 19 दिन
### **परीक्षा का कार्यक्रम और दबाव**
– **चार जनवरी से प्री बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाएं** शुरू होंगी।
– **11 जनवरी से प्री बोर्ड की लिखित परीक्षाएं** आयोजित होंगी।
– **23 से 31 जनवरी तक इंटरमीडिएट की प्रैक्टिकल परीक्षाएं** आयोजित की जाएंगी।
**नौवीं और 11वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षाओं** के कार्यक्रम भी घोषित किए जा चुके हैं। ऐसे में छात्रों और शिक्षकों पर पाठ्यक्रम पूरा करने और परीक्षा की तैयारी का दबाव काफी बढ़ गया है।
### **शिक्षण कार्य में बाधाएं**
1. **पाठ्यक्रम अधूरा:**
कई स्कूलों में पाठ्यक्रम अभी तक पूरा नहीं हुआ है।
2. **अन्य कार्यों में शिक्षकों की व्यस्तता:**
– **पुलिस भर्ती और प्रतियोगी परीक्षाओं** के लिए स्कूलों को केंद्र बनाया गया।
– जिला, मंडलीय, और राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिताओं और प्रदर्शनियों का आयोजन हुआ।
– इन कारणों से करीब 10 दिन नियमित कक्षाएं बाधित रहीं।
### **पाठ्यक्रम पूरा करने के प्रयास**
**डीआईओएस राकेश कुमार** के अनुसार:
– जहां पाठ्यक्रम अधूरा है, वहां इसे जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
– **अतिरिक्त कक्षाओं का आयोजन** कराया जाएगा।
– शिक्षण दिवसों की संख्या 231 सुनिश्चित की गई है।
### **प्रैक्टिकल परीक्षाओं की तैयारी**
– स्कूलों को लैब में **आवश्यक उपकरण और केमिकल** उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
– प्रैक्टिकल परीक्षाओं की निगरानी **सीसीटीवी कैमरे** से होगी, और रिकॉर्डिंग **डीवीआर** में सुरक्षित रखी जाएगी।
– लापरवाही के लिए प्रधानाचार्य जिम्मेदार होंगे।
### **शिक्षकों का पक्ष**
– **सोहनलाल वर्मा**, अध्यक्ष, यूपी प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ:
“शिक्षकों को केवल शिक्षण कार्य के लिए रखा जाना चाहिए। अन्य कार्यों में उनकी ड्यूटी लगाने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती है, जिससे परीक्षा परिणामों पर भी असर पड़ता है।”
### **निष्कर्ष**
छात्रों की शिक्षा पर अवकाश और अन्य गतिविधियों का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। हालांकि, पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए शिक्षकों और प्रशासन ने **अतिरिक्त कक्षाओं** और **सख्त निगरानी** की पहल की है। अब देखना होगा कि इन प्रयासों से छात्रों को परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय और संसाधन मिल पाते हैं या नहीं।