फर्जी शिक्षक का खेल: रिक्शा चालक को 51 लाख की रिकवरी नोटिस, परिवार में मचा हड़कंप

**फर्जी शिक्षक का खेल: रिक्शा चालक को 51 लाख की रिकवरी नोटिस, परिवार में मचा हड़कंप** 

उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले के भिनगा क्षेत्र के गोड़पुरवा गांव में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। **रिक्शा चालक मनोहर यादव को शिक्षा विभाग ने 51 लाख रुपये की रिकवरी नोटिस भेज दी,** जिसमें उन्हें फर्जी शिक्षक बताया गया है। इस नोटिस के बाद से मनोहर यादव और उनका परिवार सदमे में है और न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है। 

### **निरक्षर रिक्शा चालक पर फर्जी शिक्षक होने का आरोप** 
मनोहर यादव दिल्ली में रहकर हाथ रिक्शा चलाते हैं और निरक्षर हैं। उनका परिवार गांव में रहता है। **शुक्रवार को उन्हें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कार्यालय से डाक के जरिए एक नोटिस मिली,** जिसमें उन्हें अंबेडकर नगर जिले के सीहमई कारीरात गांव निवासी सुरेंद्र प्रताप सिंह नामक फर्जी शिक्षक का नाम और पता उपयोग करके श्रावस्ती जिले के जमुनहा ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय नौव्वापुरवा में सहायक शिक्षक के पद पर नौकरी करने का दोषी ठहराया गया है। 

### **नोटिस में भारी-भरकम रिकवरी का आदेश** 
बीएसए अजय कुमार के हस्ताक्षर से जारी इस नोटिस में कहा गया है कि मनोहर यादव ने कूटरचित दस्तावेजों का उपयोग करके नौकरी हासिल की थी। **2020 में इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद उनकी नियुक्ति को रद्द कर दिया गया।** विभाग के अनुसार, उन्हें नौकरी के दौरान 51,63,053 रुपये का वेतन भुगतान किया गया था, जिसे अब रिकवर करने का आदेश दिया गया है। 

नोटिस में यह भी निर्देश दिया गया है कि **मनोहर यादव सात दिनों के भीतर धनराशि कोषागार में जमा करें।** ऐसा न करने पर धनराशि की वसूली भू-राजस्व वसूली के रूप में की जाएगी। 

### **परिवार में मचा हड़कंप** 
नोटिस मिलने के बाद मनोहर यादव और उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। **एक निरक्षर व्यक्ति, जो अपनी जीविका चलाने के लिए रिक्शा चलाता है, उसे फर्जी शिक्षक बताने और भारी भरकम राशि की वसूली का आदेश देना सवाल खड़े करता है।** 

मनोहर यादव ने कहा कि वह कभी शिक्षक नहीं रहे और न ही उन्होंने कोई सरकारी नौकरी की है। परिवार न्याय के लिए प्रशासन और न्यायालय के चक्कर लगा रहा है। 

### **बीएसए का बयान: “जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी”** 
बीएसए अजय कुमार ने बताया कि **तीन फर्जी शिक्षकों के नाम और पते के आधार पर मुकदमा दर्ज कराया गया था।** पुलिस की जांच और विवेचना के आधार पर नोटिस जारी की गई है। यदि मनोहर यादव को लगता है कि वे दोषी नहीं हैं, तो उन्हें कार्यालय में उपस्थित होकर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। 

### **फर्जीवाड़े में नाम का उपयोग होने की आशंका** 
बीएसए ने यह भी कहा कि **हो सकता है कि मनोहर यादव के नाम का उपयोग किसी फर्जी दस्तावेज में किया गया हो।** उन्हें 20-25 दिनों का समय दिया गया है, जिसके दौरान उनके बयान दर्ज किए जाएंगे और जांच के आधार पर अगली कार्रवाई होगी। 

### **निष्कर्ष** 
इस घटना ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली और जांच प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। **एक रिक्शा चालक को फर्जी शिक्षक बताकर 51 लाख रुपये की वसूली का नोटिस भेजना प्रशासनिक खामियों की ओर इशारा करता है।** यदि मनोहर यादव निर्दोष हैं, तो उन्हें जल्द न्याय मिलना चाहिए। यह मामला उन गरीब और मेहनतकश नागरिकों के लिए एक बड़ा सवाल बन गया है, जिनके नाम का दुरुपयोग करके फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। 

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