सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम पर जुड़ी याचिकाओं पर करेगी सुनवाई

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### **Discussion on hearing of petitions related to EVM and Rajaji National Park in Supreme Court**

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को **इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम)** की जांच और सत्यापन से संबंधित याचिका पर सुनवाई की तारीख निर्धारित कर दी। वहीं, उत्तराखंड के **राजाजी राष्ट्रीय उद्यान** से जुड़े अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई के आरोपों वाली याचिका पर कोर्ट ने इसे प्रथम दृष्टया **प्रायोजित याचिका** करार दिया। 



### **ईवीएम जांच की याचिका पर सुनवाई जनवरी 2025 में** 

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि **ईवीएम की जांच और सत्यापन** के लिए दिशा-निर्देश बनाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई **20 जनवरी, 2025** से शुरू होने वाले सप्ताह में होगी। 

यह मामला जस्टिस दीपांकर दत्ता की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष जाएगा। इससे पहले, अप्रैल 2024 में, इसी तरह की याचिकाएं **मतपत्र से चुनाव कराने की मांग** को लेकर खारिज की गई थीं। 



### **ईवीएम याचिका की पृष्ठभूमि** 

इससे पहले, जस्टिस विक्रम नाथ और पीबी वराले की पीठ ने 13 दिसंबर को इस मामले पर सुनवाई करते हुए इसे जस्टिस खन्ना और जस्टिस दत्ता की पीठ के समक्ष भेजने का निर्णय लिया था। याचिकाकर्ताओं ने ईवीएम के पारदर्शिता और विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठाए थे। 



### **राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के मामले में अवैध निर्माण का आरोप** 

सुप्रीम कोर्ट में उत्तराखंड के **राजाजी राष्ट्रीय उद्यान** के पास **अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई** से संबंधित एक याचिका पर भी सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने इस याचिका को प्रथम दृष्टया **प्रायोजित** बताते हुए कई सवाल उठाए। 



### **राजाजी मामले में कोर्ट की टिप्पणी** 

– राज्य सरकार के वकील ने बताया कि संबंधित भूमि **निजी संपत्ति** है, जहां एक **प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र (नैचुरोपैथी सेंटर)** का संचालन किया जा रहा है। 
– कोर्ट ने आवेदक को निर्देश दिया कि वह **भूमि मालिक को प्रतिवादी के रूप में शामिल** करे। 
– मामले की सुनवाई तीन सप्ताह बाद तय की गई है। 



### **अवैध निर्माण पर कोर्ट का सख्त रुख** 

पीठ ने कहा, “यदि निर्माण अवैध पाया गया, तो इसे ध्वस्त करने का आदेश दिया जाएगा।” साथ ही, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी तरह का उल्लंघन नहीं पाया गया, तो याचिका को **10 लाख रुपये के जुर्माने** के साथ खारिज कर दिया जाएगा। 



### **निष्कर्ष** 

सुप्रीम कोर्ट के ये निर्णय **चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और पर्यावरण संरक्षण** के महत्व को रेखांकित करते हैं। जहां ईवीएम मामले में सुनवाई का फैसला जनवरी 2025 के लिए टाल दिया गया है, वहीं राजाजी उद्यान से संबंधित याचिका पर कोर्ट का रुख यह संकेत देता है कि प्रायोजित याचिकाओं के प्रति सख्त कदम उठाए जाएंगे। 

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