यूपी वाले नहीं दगा पाएंगे पटाखे सख्त आदेश

### **सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध का आदेश दिया** 

**नई दिल्ली:** सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को गंभीरता से लेते हुए **उत्तर प्रदेश** और **हरियाणा** को भी **पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध** लगाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि **दिल्ली** का प्रतिबंध तभी प्रभावी होगा, जब **राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर)** के बाकी राज्य भी इसे लागू करेंगे। 



### **राजस्थान ने पहले ही लागू किया प्रतिबंध** 
सुनवाई के दौरान **राजस्थान** ने बताया कि उसने पहले ही **पटाखों के निर्माण, स्टोरेज और बिक्री** पर प्रतिबंध लगा दिया है। कोर्ट ने इसे एक सकारात्मक कदम मानते हुए **उत्तर प्रदेश और हरियाणा** से भी यही उपाय अपनाने को कहा। 

**हरियाणा की स्थिति:** 
– हरियाणा ने बताया कि उसने केवल **हरित पटाखों** की अनुमति दी है। 
– इस पर कोर्ट ने इसे अपर्याप्त बताते हुए पूर्ण प्रतिबंध लागू करने का आदेश दिया। 

**आगामी सुनवाई:** 
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए **25 जनवरी 2024** की तारीख तय की है। 



### **ग्रैप-4 के तहत सख्त कदम उठाने का निर्देश** 
सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर राज्यों को वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए **ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP)** के **चरण-4** के उपायों को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया। 

**टीम गठन:** 
  – दिल्ली और अन्य राज्यों में **प्रवेश मार्गों पर निगरानी के लिए टीमें** तैनात की जाएंगी। 
  – ये टीमें कोर्ट के आदेशों का पालन सुनिश्चित करेंगी। 
  – रिपोर्ट को गंभीरता से लिया जाएगा। 

**निर्माण कार्य पर प्रतिबंध:** 
  – कोर्ट ने निर्माण कार्य बंद होने से प्रभावित मजदूरों को **मुआवजा देने** का आदेश दिया। 
  – मुआवजा केवल पोर्टल पर पंजीकरण के आधार पर न दिया जाए। 

– **अवमानना की चेतावनी:** 
  अगर आदेश का पालन नहीं हुआ तो कोर्ट **अवमानना कार्रवाई** शुरू कर सकता है। 



### **संत यति नरसिंहानंद की धर्म संसद पर निगरानी का आदेश** 
सुप्रीम कोर्ट ने **गाजियाबाद** में आयोजित हो रही **धर्म संसद** को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। 

**अदालत का निर्देश:** 
– **उत्तर प्रदेश सरकार** आयोजन पर नजर रखे। 
– घृणास्पद भाषण न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। 
– आयोजन की **वीडियो रिकॉर्डिंग** सुरक्षित रखी जाए। 

**सुप्रीम कोर्ट का संदेश:** 
पीठ ने स्पष्ट किया कि सुनवाई से इनकार का अर्थ यह नहीं है कि मानकों का उल्लंघन किया जा सकता है। 



### **निष्कर्ष** 
सुप्रीम कोर्ट का यह कदम **वायु प्रदूषण** से निपटने के लिए कठोर लेकिन आवश्यक है। राज्यों को प्रदूषण नियंत्रण के लिए **संवेदनशीलता और तत्परता** से काम करना होगा। **पटाखों पर प्रतिबंध** और **ग्रैप उपायों का पालन** वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।

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