**एनआईओएस का डीएलएड मान्य, सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला**
**प्रयागराज:** राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) से 18 माह का डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों के लिए एक बड़ी राहत आई है। सुप्रीम कोर्ट ने **28 नवंबर 2023** को दिए अपने आदेश को 10 दिसंबर 2024 को स्पष्ट करते हुए कहा है कि यह प्रशिक्षण **नई शिक्षक भर्ती** और **पहले से कार्यरत शिक्षकों की पदोन्नति** के लिए मान्य है।
### **सुप्रीम कोर्ट का आदेश और एनआईओएस का महत्व**
डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) का नियमित प्रशिक्षण आमतौर पर दो वर्षों का होता है। लेकिन केंद्र सरकार ने **10 जुलाई 2017** को अप्रशिक्षित निजी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए एनआईओएस के माध्यम से **18 महीने का विशेष प्रशिक्षण** शुरू किया था।
– उत्तर प्रदेश में करीब **1.50 लाख अभ्यर्थियों** ने यह प्रशिक्षण प्राप्त किया।
– सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में इसे पूरी तरह **वैध और मान्य** करार दिया है।
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### **यूपीटीईटी प्रमाणपत्र को लेकर विवाद जारी**
हालांकि, एनआईओएस से डीएलएड करने वाले अभ्यर्थियों को नई शिक्षक भर्ती के लिए तो मान्यता मिल गई है, लेकिन उनका **यूपीटीईटी 2021 प्रमाणपत्र** अभी भी विवादों में है।
– इन अभ्यर्थियों ने यूपीटीईटी 2021 के लिए आवेदन किया था।
– लेकिन परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने यह कहते हुए उन्हें परीक्षा में शामिल करने से इनकार कर दिया कि एनसीटीई की गाइडलाइन के अनुसार **दो वर्षीय डीएलएड प्रशिक्षण** ही मान्य है।
### **कोर्ट का हस्तक्षेप और वर्तमान स्थिति**
हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ये अभ्यर्थी यूपीटीईटी 2021 में शामिल हुए, लेकिन:
– **8 अप्रैल 2022** को घोषित यूपीटीईटी के परिणाम में उनके **रिजल्ट घोषित नहीं किए गए।**
– परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने दावा किया कि एनसीटीई की गाइडलाइन के अनुसार **18 माह का प्रशिक्षण मान्य नहीं है।**
– इस मुद्दे को लेकर कई याचिकाएं वर्तमान में **हाईकोर्ट में लंबित** हैं।
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### **शिक्षकों के लिए राहत और आगे की राह**
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश एनआईओएस से डीएलएड करने वाले शिक्षकों के लिए एक बड़ी जीत है।
1. **नई शिक्षक भर्तियों में अवसर:** अब ये अभ्यर्थी शिक्षक भर्ती में शामिल हो सकते हैं।
2. **पदोन्नति में मान्यता:** पहले से कार्यरत शिक्षकों को पदोन्नति के लिए इस प्रशिक्षण को मान्य कर दिया गया है।
हालांकि, **यूपीटीईटी प्रमाणपत्र** का मामला अभी भी विवादित है, और इसका समाधान कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा।
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### **निष्कर्ष**
सुप्रीम कोर्ट का आदेश एनआईओएस से डीएलएड करने वाले शिक्षकों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। लेकिन यूपीटीईटी प्रमाणपत्र को लेकर विवाद ने इन शिक्षकों के भविष्य पर एक प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। सरकार और संबंधित प्राधिकरणों को इस मुद्दे का समाधान शीघ्र करना चाहिए, ताकि इन शिक्षकों को उनकी योग्यता के अनुसार अवसर मिल सके।
**”शिक्षा के क्षेत्र में पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित करना समय की मांग है।”**