### **Children’s restlessness can become a serious disease, ADHD cases reported in Moradabad**
**मुरादाबाद।** अब तक बच्चों का चंचल और शरारती होना सामान्य समझा जाता था, लेकिन हाल ही में मुरादाबाद के प्ले स्कूलों से ऐसे दो मामले सामने आए हैं, जहां बच्चों की चंचलता को एक मानसिक विकार **एडीएचडी (अटेंशन डेफिशिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर)** का रूप माना गया। इस विकार के कारण बच्चों का ध्यान पढ़ाई और अन्य गतिविधियों पर केंद्रित नहीं हो पाता। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत इन बच्चों में एडीएचडी की पुष्टि हुई है, और उनका इलाज दवा और काउंसलिंग के जरिए किया जा रहा है।
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### **क्या है एडीएचडी?**
**अटेंशन डेफिशिट हाइपर एक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD)** एक न्यूरोलॉजिकल विकार है, जो बच्चों में अधिक चंचलता, ध्यान की कमी और असामान्य व्यवहार का कारण बनता है। यह विकार उनकी पढ़ाई और सामाजिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
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### **एडीएचडी के प्रमुख लक्षण**
1. **एकाग्रता की कमी:** बच्चे का ध्यान किसी भी काम में केंद्रित नहीं हो पाता।
2. **बिना सोचे-समझे काम करना:** बच्चा जल्दबाजी में निर्णय लेता है।
3. **अधिक बोलना:** बच्चा जरूरत से ज्यादा बात करता है और अक्सर दूसरों की बातों को बीच में टोकता है।
4. **बेचैनी:** बच्चे में अक्सर छटपटाहट या बेचैनी के भाव नजर आते हैं।
5. **हाइपर एक्टिविटी:** बच्चे का अत्यधिक सक्रिय होना, वह एक जगह नहीं बैठ पाता।
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### **इलाज और समाधान**
मुरादाबाद के इन दो मामलों में बच्चों का इलाज मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा किया जा रहा है।
1. **दवाएं:** बच्चों के मस्तिष्क को संतुलित करने के लिए दवाओं का उपयोग किया जा रहा है।
2. **काउंसलिंग:** बच्चों और उनके अभिभावकों को सही मार्गदर्शन देने के लिए काउंसलिंग सत्र आयोजित किए जा रहे हैं।
3. **रूटीन में बदलाव:** बच्चों की दिनचर्या को व्यवस्थित करने पर जोर दिया जा रहा है।
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### **माता-पिता के लिए सलाह**
– यदि आपका बच्चा हद से ज्यादा चंचल है और किसी काम में ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता, तो इसे नजरअंदाज न करें।
– मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें और बच्चे की गतिविधियों पर नजर रखें।
– सकारात्मक माहौल बनाएं और बच्चों को प्यार से समझाएं।
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### **निष्कर्ष**
बच्चों की चंचलता को सामान्य समझने की बजाय यदि उसमें लगातार असामान्य व्यवहार दिखाई दे, तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए। मुरादाबाद में सामने आए ये मामले इस बात का संकेत हैं कि **एडीएचडी** जैसे विकार समय रहते पहचाने और ठीक किए जा सकते हैं। बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना हर माता-पिता की जिम्मेदारी है।