**प्राविधिक शिक्षा विभाग में विभागाध्यक्ष पदों पर पदोन्नति विवाद: नियमों की अनदेखी के आरोप**
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा विभाग में डिप्लोमा सेक्टर के विभागाध्यक्ष पदों पर हाल ही में हुई पदोन्नतियों को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। आरोप है कि इन पदोन्नतियों में निर्धारित नियमों और प्रक्रियाओं की अनदेखी की गई है, जिससे विभाग में असंतोष व्याप्त है।
**पदोन्नति प्रक्रिया में अनियमितताएं:**
चयन वर्ष 2020-21 के लिए प्राविधिक शिक्षा डिप्लोमा सेक्टर में विभिन्न विषयों के प्रवक्ताओं को विभागाध्यक्ष पदों पर पदोन्नति देने हेतु 30 मई 2024 को तत्कालीन प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा एम. देवराज की अध्यक्षता में विभागीय चयन समिति की बैठक आयोजित हुई थी। इस बैठक में 6600 ग्रेड पे (लेवल 11) पर पदोन्नति की संस्तुति की गई थी। हालांकि, 9 दिसंबर 2024 को जारी पदोन्नति आदेश में इन पदोन्नतियों को 9000 ग्रेड पे (लेवल 13) पर कर दिया गया, जो चयन समिति की संस्तुति से भिन्न है।
**AICTE के नियमों की अनदेखी:**
आरोप है कि इन पदोन्नतियों में ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) के नियमों का पालन नहीं किया गया। AICTE के अनुसार, विभागाध्यक्ष पद पर पदोन्नति के लिए निर्धारित अर्हताओं का पालन अनिवार्य है। उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा एप्लाइड साइंस व ह्यूमैनिटीज सेवा संघ के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि विभाग ने एक मामले में AICTE के नियमों का पालन किया, जबकि दूसरे मामले में नहीं, जो पूरी तरह गलत है।
**विधायिका की आपत्ति और त्वरित आदेश:**
भाजपा विधायक मीनाक्षी सिंह ने 30 नवंबर 2024 को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पॉलीटेक्निक संस्थानों में चल रही पदोन्नति प्रक्रिया की शिकायत की थी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने 9 दिसंबर 2024 को प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा विभाग से इस संबंध में जानकारी मांगी। संयोगवश, उसी दिन पदोन्नति आदेश भी जारी कर दिया गया, जिससे प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
**विभाग का पक्ष:**
प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा आलोक कुमार ने कहा कि 2012 से 2019 के बीच खाली विभागाध्यक्ष पदों पर नियमानुसार पदोन्नति की गई है। 2019 के बाद के खाली पदों पर AICTE के नियमों को अपनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सेवा नियमावली के अनुसार 9000 ग्रेड पे AICTE की संशोधित वेतन नियमावली के तहत दी गई है और इस पर सभी संबंधित विभागों से परामर्श किया गया है।
**निष्कर्ष:**
पॉलीटेक्निक संस्थानों में 177 शिक्षकों को विभागाध्यक्ष पद पर हाल ही में पदोन्नति दी गई है, जिनमें गड़बड़ी और गलत वेतनमान देने के आरोप लग रहे हैं। इस विवाद ने प्राविधिक शिक्षा विभाग की पदोन्नति प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और नियमों के पालन पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं। आवश्यक है कि संबंधित अधिकारी इस मामले की गहन जांच करें और सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी अनियमितताएं न हों।
इस विवाद से संबंधित अधिक जानकारी के लिए, आप नीचे दिए गए वीडियो को देख सकते हैं:🔗✅👇