खंड शिक्षा अधिकारी ,अपने विभाग के मंत्री का ही फोन नहीं उठा रहे, कार्रवाई के आदेश

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### **खंड शिक्षा अधिकारी ने मंत्री का फोन नहीं उठाया, कार्रवाई के आदेश** 

**लखनऊ।** 
बेसिक शिक्षा विभाग में अधिकारियों की लापरवाही का एक और मामला सामने आया है। **खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ)** प्रमेंद्र शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने **बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह** का फोन नहीं उठाया। इस मामले में नाराज मंत्री ने **बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए)** राम प्रवेश को प्रमेंद्र शुक्ला पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मंत्री का पत्र विभाग में पहुंचने के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच खलबली मच गई है। 



### **क्या है मामला?** 
खंड शिक्षा अधिकारी **प्रमेंद्र शुक्ला** नगर क्षेत्र में पिछले पांच वर्षों से तैनात हैं। 
– **आरोप:** 
   – मंत्री संदीप सिंह ने कई बार बीईओ के कार्यालय और मोबाइल नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। 
   – मंत्री ने कहा कि बीईओ ने न केवल फोन अनदेखा किया, बल्कि बाद में किसी प्रकार का जवाब भी नहीं दिया। 
**मंत्री की नाराजगी:** 
   – खंड शिक्षा अधिकारी के इस रवैये पर नाराजगी जताते हुए, मंत्री ने इसे **“गैरजिम्मेदाराना और अनुशासनहीनता”** करार दिया। 
   – उन्होंने बीएसए को मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए और पूरी जानकारी देने को कहा। 



### **बीईओ संघ के अध्यक्ष भी हैं प्रमेंद्र शुक्ला** 
प्रमेंद्र शुक्ला वर्तमान में **खंड शिक्षा अधिकारी संघ के अध्यक्ष** भी हैं। 
**तबादला विवाद:** 
   – कुछ समय पहले उनका तबादला सीतापुर कर दिया गया था, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद तबादला रुक गया। 
**व्यवहार पर सवाल:** 
   – कार्यालय के बाबुओं का कहना है कि बीईओ प्रमेंद्र शुक्ला अक्सर बीएसए का भी फोन नहीं उठाते हैं। 
   – यह लापरवाह रवैया विभाग में चर्चा का विषय बन गया है। 



### **बीएसए ने मांगा जवाब** 
बेसिक शिक्षा मंत्री की शिकायत मिलने के बाद **बीएसए राम प्रवेश** ने प्रमेंद्र शुक्ला को नोटिस जारी किया है। 
**बीएसए का बयान:** 
   – “मंत्री का पत्र प्राप्त हुआ है। खंड शिक्षा अधिकारी से मामले में जवाब मांगा गया है। जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।” 



### **बीईओ का पक्ष** 
जब इस संबंध में प्रमेंद्र शुक्ला से पूछा गया तो उन्होंने कहा: 
– “मुझे मंत्री का फोन आने की कोई जानकारी नहीं है। उनका कॉल किस नंबर से और कब आया, इसका भी पता नहीं है।” 
उन्होंने खुद पर लगे आरोपों से इनकार किया और मामले को गलतफहमी बताया। 



### **क्या होगी कार्रवाई?** 
इस मामले में बीएसए द्वारा मांगे गए जवाब के बाद ही आगे की कार्रवाई तय होगी। 
– यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो बीईओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। 
– बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को मंत्री और उच्चाधिकारियों से संवाद में लापरवाही बरतने पर सख्त चेतावनी मिलने की संभावना है। 



### **निष्कर्ष** 
खंड शिक्षा अधिकारी का मंत्री का फोन न उठाना एक **गंभीर प्रशासनिक लापरवाही** है। यह न केवल विभागीय अनुशासन का उल्लंघन है, बल्कि शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करता है। इस घटना के बाद अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों को लेकर अधिक सतर्क रहना होगा, ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।

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