# **कर्मचारी संगठनों की समस्याओं के समाधान के लिए नियमित बैठक का निर्देश**
उत्तर प्रदेश शासन ने कर्मचारी संगठनों और कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए **नियमित बैठकों** के आयोजन का निर्देश दिया है। इस संबंध में **शासनादेश संख्या 2-ई.एम./2009-का-4-2019 दिनांक 24 मई, 2019** एवं उससे संबंधित अन्य शासनादेशों का संदर्भ लेते हुए, कार्मिक विभाग ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं।
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## **समस्याओं के समाधान में अनियमितता**
शासनादेशों के बावजूद, विभिन्न स्तरों पर कर्मचारी संगठनों और कर्मचारियों की मांगों और समस्याओं के समाधान के लिए प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
– इसके कारण कर्मचारी संगठनों द्वारा **समय-समय पर मांग पत्र प्रस्तुत किए जाते हैं।**
– मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव (कार्मिक विभाग) से समाधान हेतु नियमित संपर्क किया जाता है।
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## **निर्देश के मुख्य बिंदु**
### **1. समस्याओं के समाधान हेतु नियमित बैठकें**
– सभी **अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, विभागाध्यक्ष, मंडलायुक्त, और जिलाधिकारी** अपने-अपने विभागों और जनपदों में **मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों की समस्याओं और व्यक्तिगत कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान** के लिए **15 दिन में एक बार बैठक** आयोजित करेंगे।
– इन बैठकों में प्रस्तुत समस्याओं का प्रभावी और समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाएगा।
### **2. समस्याओं के समाधान की समीक्षा**
– विभागाध्यक्ष और प्रशासकीय विभाग के स्तर पर उन समस्याओं की **नियमित समीक्षा** की जाएगी, जिनका समाधान विभाग स्तर पर किया जा सकता है।
– समस्याओं का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है।
### **3. आम जन और कर्मचारियों से मिलने का समय**
– सभी अधिकारियों को **आम जन और कर्मचारियों से मिलने के लिए समय तय करना** होगा।
– यह निर्धारित समय **कार्यालय में प्रदर्शित** किया जाएगा, ताकि लोग सुविधाजनक तरीके से अधिकारियों से मिलकर अपनी समस्याएं प्रस्तुत कर सकें।
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## **उद्देश्य और महत्व**
यह निर्देश कर्मचारियों और संगठनों की समस्याओं के समाधान में आ रही **देरी और अनियमितता** को दूर करने के लिए जारी किया गया है।
– इसका उद्देश्य विभागीय कार्यों को **पारदर्शी और प्रभावी** बनाना है।
– साथ ही, यह कर्मचारियों के बीच सरकार और विभागों के प्रति **विश्वास और सहमति** बनाने में सहायक होगा।
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## **निष्कर्ष**
अधिकारियों और विभागों से अपेक्षा है कि वे इन निर्देशों का **सख्ती से पालन** करें और कर्मचारियों की समस्याओं का **समय पर समाधान** सुनिश्चित करें। इससे कर्मचारी संगठनों और सरकार के बीच बेहतर संवाद और सहयोग का वातावरण बनेगा।