शिक्षक संघ ने की शिक्षा सुधारों की मांग, सरकार को दी चेतावनी

# **माध्यमिक शिक्षक संघ ने की शिक्षा सुधारों की मांग, सरकार को दी चेतावनी** 

**लखनऊ।** 
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट ने सोमवार को जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के सामने **धरना प्रदर्शन** किया। प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए प्रदेश अध्यक्ष **सोहनलाल वर्मा** ने राज्य सरकार से शिक्षकों की सेवा सुरक्षा और पदोन्नति संबंधी प्रावधानों को बहाल करने की मांग की। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं की गईं तो आगामी **10 फरवरी** को माध्यमिक शिक्षा निदेशक कार्यालय का घेराव किया जाएगा। 



### **प्रमुख मांगें और सरकार से अपील** 
धरने के दौरान प्रदेश अध्यक्ष सोहनलाल वर्मा ने कहा, **”सरकार को गठित शिक्षा सेवा चयन आयोग 2023 के तहत शिक्षकों की सेवा सुरक्षा की धारा 21 और पदोन्नति की धारा 12 को जल्द बहाल करना चाहिए।”** उन्होंने सिटीजन चार्टर लागू करने की भी मांग की। 

शिक्षकों का कहना है कि धारा 21 और धारा 12 को बहाल किए बिना उनकी सेवा सुरक्षा और करियर प्रगति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। यदि सरकार ने समय रहते इस दिशा में कदम नहीं उठाया तो संगठन विधानभवन का घेराव करने के लिए भी तैयार है। 



### **आंदोलन का भविष्य: 10 फरवरी को घेराव की चेतावनी** 
शिक्षक संघ ने कहा कि अगर मांगे पूरी नहीं हुईं तो **10 फरवरी को माध्यमिक शिक्षा निदेशक कार्यालय का घेराव** किया जाएगा। इसके बाद भी सरकार ने उनकी बात नहीं मानी तो संगठन **विधानभवन का घेराव** करेगा। 



### **प्रदर्शन में वरिष्ठ पदाधिकारियों की भागीदारी** 
धरने में संघ के कई प्रमुख नेता और पदाधिकारी शामिल हुए। इनमें शामिल हैं: 
– **जिलाध्यक्ष:** अंबिका प्रसाद 
– **संगठन मंत्री:** अक्षय अस्थाना 
– **उपाध्यक्ष:** विनीता त्रिपाठी 
– **कोषाध्यक्ष:** मनोज कुमार 
– **मंडलीय मंत्री:** अनंत बहादुर सिंह 

इन सभी ने एक स्वर में शिक्षकों की मांगों को प्रमुखता से उठाया और सरकार पर दबाव बनाने का आह्वान किया। 



### **संगठन की चेतावनी** 
शिक्षक संघ का कहना है कि **सरकार को शिक्षकों की मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए**। यदि सरकार ने समय रहते कदम नहीं उठाए, तो संगठन अपने आंदोलन को और तेज करेगा। 



### **निष्कर्ष** 
माध्यमिक शिक्षक संघ की यह मांग शिक्षकों के हितों की सुरक्षा और उनके करियर विकास के लिए अहम है। सरकार को चाहिए कि वह शिक्षकों की मांगों पर सकारात्मक रुख अपनाए और शिक्षा क्षेत्र में सुधारों के लिए ठोस कदम उठाए। शिक्षकों की सेवा सुरक्षा और पदोन्नति से जुड़ी धारा बहाल करना उनकी समस्याओं का समाधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। 

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