### **अंबेडकरनगर: शिक्षक पर हमला करने वाला प्रधान प्रतिनिधि गिरफ्तार**
**अंबेडकरनगर।** शिक्षा के मंदिर में हुई शर्मनाक घटना के बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए **प्रधान प्रतिनिधि रमेश राजभर** को रविवार को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी तब हुई, जब शनिवार को **कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय सिकरोहर** के प्रभारी प्रधानाचार्य और अन्य शिक्षकों के साथ अभद्रता और मारपीट की गई थी।
### **घटना का विवरण**
शनिवार को प्रधान प्रतिनिधि रमेश राजभर ने विद्यालय परिसर में **प्रधानाचार्य और अन्य शिक्षक-शिक्षिकाओं** को दौड़ाकर पीटा। घटना के बाद शिक्षकों में भारी आक्रोश फैल गया।
– **तहरीर पर कार्रवाई**: घटना की सूचना मिलते ही **एसडीएम और सीओ सिटी** मौके पर पहुंचे। उन्होंने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच शुरू की और प्रधानाचार्य की तहरीर पर **जानलेवा हमले** समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया।
– **शिक्षक संघ का अल्टीमेटम**: शिक्षक संघ ने घटना के खिलाफ प्रदर्शन की चेतावनी देते हुए आरोपित की **24 घंटे के भीतर गिरफ्तारी** की मांग की।
### **पुलिस की तत्परता**
मामले की गंभीरता को देखते हुए **एसपी** ने अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
– पूरी रात पुलिस टीम ने **संभावित ठिकानों पर दबिश** दी।
– रविवार को गांव के पास से आरोपी रमेश राजभर को गिरफ्तार कर लिया गया।
– थानाध्यक्ष **जयप्रकाश सिंह** ने पुष्टि करते हुए कहा कि आरोपी को गिरफ्तार कर **जेल भेज दिया गया है**।
### **शिक्षकों की सुरक्षा पर उठे सवाल**
यह घटना शिक्षकों की सुरक्षा और सम्मान पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
– शिक्षक संघ ने कहा कि ऐसी घटनाओं से **शिक्षा व्यवस्था** को गहरा आघात पहुंचता है।
– शिक्षकों ने प्रशासन से **सख्त कार्रवाई** और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाने की मांग की है।
### **शिक्षक संघ का रुख**
शिक्षक संघ ने पुलिस की तत्परता की सराहना की, लेकिन साथ ही चेतावनी दी कि यदि भविष्य में शिक्षकों की सुरक्षा को लेकर कदम नहीं उठाए गए, तो **वृहद आंदोलन** किया जाएगा।
### **निष्कर्ष**
शिक्षकों पर हमला न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि समाज में शिक्षा और शिक्षकों के प्रति सम्मान को भी ठेस पहुंचाता है। इस घटना में पुलिस की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन यह सुनिश्चित करना भी उतना ही आवश्यक है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। **शिक्षकों का सम्मान और सुरक्षा शिक्षा प्रणाली की नींव है, जिसे हर हाल में बनाए रखना चाहिए।**
