जूनियर एडेड शिक्षक भर्ती: चार साल से नियुक्ति का इंतजार, सदन में उठेगा मुद्दा

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जूनियर एडेड शिक्षक भर्ती: चार साल से नियुक्ति का इंतजार, सदन में उठेगा मुद्दा

लखनऊ। अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापक के पदों पर नियुक्ति का इंतजार कर रहे 43 हजार से अधिक अभ्यर्थियों के लिए उम्मीद की किरण फिर जागी है। 2021 में शुरू हुई जूनियर एडेड शिक्षक भर्ती प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो पाई है, जिससे सफल अभ्यर्थी मानसिक और सामाजिक दबाव झेल रहे हैं।

2021 में शुरू हुई थी भर्ती प्रक्रिया

जूनियर एडेड शिक्षक भर्ती का विज्ञापन 2021 में जारी किया गया था। इसके तहत प्रधानाध्यापक के 390 पद और सहायक अध्यापक के 1507 पद भरे जाने थे। अक्टूबर 2021 में लिखित परीक्षा आयोजित हुई और नवंबर 2021 में परिणाम भी घोषित कर दिया गया।

हालांकि, परिणाम में गड़बड़ी के आरोप लगने के कारण मामला उच्च न्यायालय तक पहुंच गया। इसके चलते भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई।

कोर्ट से आया आदेश, फिर भी अटकी भर्ती

15 फरवरी 2024 को उच्च न्यायालय ने सभी रिट याचिकाएं खारिज करते हुए भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया। बावजूद इसके, आरक्षण नीति और अन्य प्रशासनिक मुद्दों की वजह से प्रक्रिया आज भी अधर में है।

शासन की ओर से चार बार पत्राचार और महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पांच निर्देश भेजे जाने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

अभ्यर्थियों की मानसिक पीड़ा

चार साल से नियुक्ति का इंतजार कर रहे 43 हजार सफल अभ्यर्थी मानसिक और भावनात्मक दबाव झेल रहे हैं।
अभ्यर्थियों का कहना है,
“लिखित परीक्षा पास करने के बावजूद, काउंसलिंग और मेरिट लिस्ट जारी न होने से हमारा भविष्य अधर में लटक गया है।”

सदन में उठेगा मामला

जूनियर एडेड शिक्षक भर्ती 2021 का मुद्दा अब 16 दिसंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में उठाया जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष नागेंद्र पांडेय ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों से लगातार संपर्क किया जा रहा है।
शिक्षक विधायक राज बहादुर सिंह चंदेल ने इस मामले को पहले भी जोर-शोर से विधान परिषद में उठाया था। उनका कहना है कि,
“कोर्ट का आदेश आए हुए दस महीने बीत चुके हैं, लेकिन अब तक सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।”

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1. आरक्षण नीति स्पष्ट नहीं होना


2. सीटों की संख्या का निर्धारण न होना


3. मेरिट कैसे बनेगी, यह तय नहीं होना



इन समस्याओं के समाधान के लिए शासन और प्रशासन के बीच स्पष्ट संवाद की कमी भर्ती में देरी का प्रमुख कारण बन रही है।

सरकार से अभ्यर्थियों की अपील

अभ्यर्थियों ने सरकार से जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी करने और उनके भविष्य को सुरक्षित करने की अपील की है।
“यह भर्ती चार साल से लटकी हुई है, और अब इसमें और देरी होना हमारी उम्मीदों और मेहनत के साथ अन्याय होगा।”

यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी विधानसभा सत्र में यह मुद्दा किस तरह से उठता है और सरकार इसका समाधान कैसे करती है।

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