भारत में छोटे बैंकों और वित्तीय संस्थानों को अब यूपीआई (Unified Payments Interface) के माध्यम से कर्ज प्रदान करने की सुविधा मिलेगी। यह कदम डिजिटल भुगतान और कर्ज देने की प्रक्रिया को और सरल और सुलभ बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
मुख्य बिंदु:
1. यूपीआई के माध्यम से कर्ज वितरण:
छोटे बैंक, सहकारी बैंक, और अन्य वित्तीय संस्थान अब यूपीआई के जरिए लोन ऑफर कर सकेंगे।
यूपीआई का उपयोग लोन की आवेदन प्रक्रिया, स्वीकृति और वितरण में किया जाएगा।
2. फायदे:
कर्ज लेने और चुकाने की प्रक्रिया तेज होगी।
ग्राहकों को डिजिटल माध्यम से सीधी सेवा मिलेगी।
छोटे व्यवसायों और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कर्ज प्राप्त करना आसान होगा।
3. एनपीसीआई (NPCI) की भूमिका:
एनपीसीआई ने यूपीआई प्लेटफॉर्म को कर्ज वितरण के लिए तैयार किया है।
नए फीचर्स और बैंकिंग समाधानों को यूपीआई में जोड़ा गया है।
4. लघु व्यवसायों को प्रोत्साहन:
एमएसएमई (MSME) सेक्टर और व्यक्तिगत ग्राहकों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
इससे वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) को बल मिलेगा।
संभावित चुनौतियां:
डेटा सुरक्षा और धोखाधड़ी से निपटने के लिए मजबूत उपायों की आवश्यकता होगी।
डिजिटल साक्षरता की कमी वाले क्षेत्रों में इसे अपनाने में समय लग सकता है।
यह पहल छोटे बैंकों को डिजिटल कर्ज प्रणाली में शामिल करने का एक बड़ा कदम है, जो भारत की वित्तीय सेवाओं को और व्यापक बनाएगा।
