85 नए केंद्रीय विद्यालय और 28 नवोदय विद्यालय खोलने का ऐतिहासिक फैसला,देखिए क्या आपके शहर में भी खुलेगा kvs…

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**85 नए केंद्रीय विद्यालय और 28 नवोदय विद्यालय खोलने का ऐतिहासिक फैसला** 

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में शिक्षा क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया। **देशभर में 85 नए केंद्रीय विद्यालय और 28 नवोदय विद्यालय खोलने** की मंजूरी दी गई है। इन फैसलों का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना और छात्रों के लिए बेहतर शैक्षिक अवसर प्रदान करना है। 

### **82 हजार विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ** 
इन नए विद्यालयों के खुलने से **82 हजार विद्यार्थियों** को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। ये विद्यालय उन क्षेत्रों में खुलेंगे, जहां छात्रों के पास शिक्षा के सीमित विकल्प हैं। कैबिनेट ने एक मौजूदा केंद्रीय विद्यालय के विस्तार को भी मंजूरी दी है, जो पहले से ही छात्रों की जरूरतों को पूरा कर रहा है। 

### **निर्माण और विस्तार के लिए बड़ा बजट** 
सरकार ने इस परियोजना के लिए कुल **5,872.08 करोड़ रुपये** का बजट स्वीकृत किया है। नवोदय विद्यालयों के निर्माण के लिए **2,360 करोड़ रुपये** का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। यह योजना अगले **आठ वर्षों** में पूरी की जाएगी, जिससे छात्रों को शीघ्र ही इन नए स्कूलों में पढ़ाई का मौका मिलेगा। 

### **6,700 नए रोजगार का सृजन** 
इन विद्यालयों के निर्माण और संचालन से **6,700 नए रोजगार** के अवसर पैदा होंगे। इससे न केवल शिक्षा क्षेत्र को बल मिलेगा, बल्कि रोजगार के क्षेत्र में भी सकारात्मक बदलाव आएगा। 

### **दिल्ली मेट्रो का चौथा चरण: रिठाला से कुंडली तक नई लाइन** 
कैबिनेट बैठक में शिक्षा के साथ-साथ दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण के निर्माण को भी मंजूरी दी गई। इस चरण के तहत **रिठाला से कुंडली** तक मेट्रो का विस्तार किया जाएगा। यह परियोजना दिल्ली-एनसीआर के लाखों यात्रियों को तेजी और सुविधा से जोड़ने में सहायक होगी। 

### **सरकार का शिक्षा और विकास पर फोकस** 
यह कदम सरकार की **सबके लिए शिक्षा** और **समान अवसर** की नीति को दर्शाता है। केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय की स्थापना न केवल छात्रों के लिए बेहतर शिक्षा के दरवाजे खोलेगी, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास में भी योगदान देगी। 

सरकार के ये प्रयास शिक्षा और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होंगे, जिससे देश के भविष्य को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का मार्ग प्रशस्त होगा। 

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