शिक्षकों और कर्मचारियों की गैरहाजिरी को नजरअंदाज करने वाले प्रधानाध्यापक, खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) और बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) भी अब कार्रवाई की जद में आएंगे।

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# **शिक्षकों और कर्मचारियों की गैरहाजिरी पर होगी सख्ती: अब जिम्मेदार अधिकारी भी होंगे जवाबदेह** 

**लखनऊ**: परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों की बिना अवकाश लिए अनुपस्थिति पर अब सख्त कार्रवाई होगी। बेसिक शिक्षा निदेशक **प्रताप सिंह बघेल** ने सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) को निर्देश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि **मानव संपदा पोर्टल** के माध्यम से ही अवकाश की स्वीकृति होगी। 

## **ऑनलाइन अवकाश की अनिवार्यता** 
मानव संपदा पोर्टल पर **ऑनलाइन अवकाश आवेदन** की व्यवस्था पिछले चार वर्षों से लागू है। इसके बावजूद कई शिक्षक और कर्मचारी बिना अवकाश स्वीकृत कराए ड्यूटी से गायब रहते हैं। ऐसे मामलों में उनकी **वेतन भुगतान प्रक्रिया** रोकी जाती है, जिससे कर्मचारी **कोर्ट का सहारा** लेकर प्रकरण को जटिल बना देते हैं। इसे देखते हुए, अब केवल ऑनलाइन माध्यम से स्वीकृत अवकाश को ही मान्य किया जाएगा। 

## **गैरहाजिरी पर कठोर कार्रवाई** 
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि बिना स्वीकृत अवकाश के लंबे समय तक अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। यदि कोई अनुपस्थित शिक्षक **ड्यूटी जॉइन करने** के लिए स्कूल लौटता है, तो उसका मामला संबंधित मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) के माध्यम से बेसिक शिक्षा निदेशालय को भेजा जाएगा। निदेशालय इस पर अंतिम निर्णय लेगा। 

## **जिम्मेदार अधिकारी भी होंगे जवाबदेह** 
शिक्षकों और कर्मचारियों की गैरहाजिरी को नजरअंदाज करने वाले **प्रधानाध्यापक**, **खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ)** और **बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए)** भी अब कार्रवाई की जद में आएंगे। अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में भी **प्रबंधक, प्रधानाचार्य, बीईओ और बीएसए** की जवाबदेही तय की गई है। 

## **कदम क्यों उठाया गया?** 
शिक्षा विभाग ने पाया कि स्कूलों में शिक्षक और कर्मचारी बिना सूचना या स्वीकृति के लंबे समय तक ड्यूटी से गायब रहते हैं, जिससे **शैक्षिक गतिविधियां प्रभावित** होती हैं। इसके अलावा, अवकाश प्रक्रिया को सख्ती से लागू करने के लिए यह कदम आवश्यक था। 

## **क्या है मानव संपदा पोर्टल?** 
मानव संपदा पोर्टल सरकारी कर्मचारियों के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जहां से वे अपने अवकाश का आवेदन कर सकते हैं। 
– अवकाश के **डिजिटल रिकॉर्ड** को सुनिश्चित करता है। 
– कर्मचारियों की **हाजिरी पर निगरानी** के लिए प्रभावी प्रणाली है। 
– पारदर्शिता लाने के लिए इसे चार साल पहले लागू किया गया था। 

## **अवकाश प्रक्रिया में बदलाव** 
– अवकाश के लिए केवल **ऑनलाइन आवेदन** मान्य। 
– बिना स्वीकृति अवकाश लेने पर **कार्रवाई अनिवार्य**। 
– गैरहाजिर कर्मचारियों का मामला सीधे **मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक** के माध्यम से निदेशालय भेजा जाएगा। 

## **निष्कर्ष** 
शिक्षा विभाग का यह कदम न केवल शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार लाएगा, बल्कि शिक्षकों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी भी सुनिश्चित करेगा। **मानव संपदा पोर्टल** की व्यवस्था को सख्ती से लागू कर प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। इसके साथ ही, अवकाश प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करके कोर्ट मामलों से बचा जा सकेगा। 

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