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# **अब 12वीं के बाद किसी भी संकाय में दाखिले का अवसर, यूजीसी का बड़ा बदलाव**
**नई दिल्ली**: 12वीं कक्षा के बाद उच्च शिक्षा के लिए **डिग्री पाठ्यक्रम** में दाखिले को लेकर एक बड़ी पहल की जा रही है। **विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी)** ने उच्च शिक्षा में लचीलापन लाने के उद्देश्य से **यूजीसी रेगुलेशन-2024** की घोषणा की है। इसके तहत **सत्र 2025-26** से विद्यार्थियों को किसी भी संकाय में प्रवेश लेने का मौका मिलेगा, चाहे उन्होंने 12वीं कक्षा में संबंधित विषय पढ़ा हो या नहीं।
## **सीयूईटी और प्रवेश परीक्षाओं से मिलेगा दाखिला**
नई व्यवस्था के तहत विद्यार्थी **सीयूईटी यूजी** (कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट) या संबंधित विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा देकर **कला, विज्ञान या कॉमर्स** के किसी भी स्नातक कार्यक्रम में दाखिला ले सकेंगे। 12वीं में विषयों की अनिवार्यता समाप्त कर यह कदम **राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020** के अनुरूप लचीलापन और बहुविषयक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
## **साल में दो बार दाखिले की सुविधा**
यूजीसी रेगुलेशन-2024 के तहत अब विद्यार्थी को **साल में दो बार** दाखिला लेने का अवसर मिलेगा।
– **पहला सत्र**: जुलाई-अगस्त
– **दूसरा सत्र**: जनवरी-फरवरी
यह व्यवस्था उन छात्रों के लिए लाभकारी होगी जो विभिन्न कारणों से सत्र शुरू होते समय दाखिला नहीं ले पाते।
## **Flexibility in studies and facility to change subjects**
यूजीसी अध्यक्ष **प्रो. एम. जगदीश कुमार** ने बताया कि यह नियम विद्यार्थियों को **बहुविषयक पाठ्यक्रम** चुनने और **शैक्षणिक संस्थान** बदलने की सुविधा देगा। यदि कोई छात्र अपनी पढ़ाई के बीच ब्रेक लेता है, तो वह **नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCF)** के तहत अपनी पढ़ाई दोबारा शुरू कर सकेगा।
### **प्रमुख बदलाव और फायदे**
1. **कोई भी विषय चुनने की आजादी**: 12वीं के बाद छात्र किसी भी संकाय में दाखिला ले सकेंगे, भले ही उन्होंने उस विषय को पहले नहीं पढ़ा हो।
2. **ड्यूल डिग्री प्रोग्राम**: विद्यार्थी एक साथ **यूजी और पीजी प्रोग्राम** में दो अलग-अलग डिग्री कोर्स कर सकते हैं।
3. **पाठ्यक्रम को अपडेट करने की सुविधा**: पढ़ाई के दौरान विषय, संस्थान और अध्ययन का तरीका बदलने का विकल्प।
4. **उच्च शिक्षा में पारदर्शिता**: यदि कोई शिक्षण संस्थान यूजीसी के नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे सीधे प्रतिबंधित किया जाएगा।
## **नए नियमों का उद्देश्य**
यह बदलाव **राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020** की सिफारिशों के अनुरूप लाए जा रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को **आधुनिक कौशल** और **समग्र शिक्षा** प्रदान करना है। इसके तहत छात्रों को अपनी रुचि और क्षमता के अनुसार पाठ्यक्रम और विषय चुनने का अधिकार दिया जाएगा।
## **भविष्य के लिए प्रभाव**
इस नई पहल से छात्रों को न केवल शिक्षा में लचीलापन मिलेगा, बल्कि **स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों** में विविधता और गुणवत्ता भी बढ़ेगी। यह प्रणाली उच्च शिक्षा को **वैश्विक मानकों** के अनुरूप बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
