**प्राथमिक विद्यालय पोंदला: दो साल से चहारदीवारी के बिना असुरक्षा में पढ़ाई**
**जमुनहा, संवाददाता।**
शोहरतगढ़ तहसील के जमुनहा ब्लॉक के पोंदला गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय के छात्र-छात्राएं पिछले दो वर्षों से असुरक्षा के माहौल में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। वर्ष 2022 की भीषण बाढ़ में विद्यालय की चहारदीवारी ढह गई थी, लेकिन आज तक उसका पुनर्निर्माण नहीं हो सका है। यह स्थिति न केवल बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि उनके शैक्षणिक वातावरण को भी प्रभावित कर रही है।
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### **चहारदीवारी न होने से कई समस्याएं**
पोंदला के प्राथमिक विद्यालय में चहारदीवारी न होने से कई गंभीर समस्याएं सामने आ रही हैं:
1. **बेसहारा मवेशियों का जमावड़ा**: विद्यालय परिसर में छुट्टा मवेशी अक्सर घुस आते हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है और उनकी सुरक्षा खतरे में रहती है।
2. **अराजक तत्वों का जमावड़ा**: विद्यालय समय से पहले और बाद में परिसर में अराजक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे वातावरण असुरक्षित हो जाता है।
3. **बच्चों में असुरक्षा का माहौल**: चहारदीवारी न होने के कारण छात्र-छात्राएं असुरक्षित महसूस करते हैं, जिससे उनकी शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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### **बाढ़ में ढही थी चहारदीवारी**
वर्ष 2022 में आई भीषण बाढ़ ने पोंदला प्राथमिक विद्यालय की चहारदीवारी को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया था।
– **दो वर्षों से कोई कार्रवाई नहीं**: चहारदीवारी के निर्माण के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
– **खंड शिक्षा अधिकारी का बयान**: खंड शिक्षा अधिकारी सतीश कुमार ने कहा कि चहारदीवारी के पुनर्निर्माण के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा।
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### **ग्राम पंचायत और प्रशासन की उदासीनता**
ग्राम पंचायत लक्ष्मणपुर सेमरहनिया के अंतर्गत आने वाले इस विद्यालय की समस्याओं पर प्रशासन और पंचायत ने अब तक ध्यान नहीं दिया है।
– **समस्या का समाधान जरूरी**: चहारदीवारी का पुनर्निर्माण न केवल बच्चों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि यह स्कूल के समग्र विकास में भी योगदान देगा।
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### **स्थानीय लोगों की मांग**
गांव के लोगों ने प्रशासन और शिक्षा विभाग से जल्द से जल्द चहारदीवारी के पुनर्निर्माण की मांग की है।
– बच्चों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
– जिम्मेदार अधिकारियों को इस समस्या का संज्ञान लेकर इसे प्राथमिकता से हल करना चाहिए।
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### **निष्कर्ष**
पोंदला प्राथमिक विद्यालय की यह स्थिति शिक्षा के प्रति प्रशासन की उदासीनता को दर्शाती है। **बाढ़ के दो साल बाद भी चहारदीवारी का न बन पाना बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा दोनों के लिए खतरा है।** प्रशासन को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर बच्चों को सुरक्षित और सकारात्मक माहौल प्रदान करना चाहिए।
