**छात्र-शिक्षक अनुपात में कमी पर 528 स्कूलों को नोटिस**
**बरेली:** शिक्षा के अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत **30 विद्यार्थियों पर 1 शिक्षक** की अनिवार्यता है, लेकिन बरेली जिले के 528 सरकारी और निजी स्कूलों में यह अनुपात पूरी तरह से अनदेखा किया जा रहा है। **यू डायस पोर्टल** की निगरानी में यह मामला सामने आया, जिसके बाद **बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए)** ने निजी स्कूलों को **नोटिस जारी** कर शिक्षकों की संख्या पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
### **छात्र-शिक्षक अनुपात में भारी कमी**
जिले के कई स्कूलों में मानक से काफी कम शिक्षक नियुक्त हैं, जिससे न केवल छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, बल्कि स्कूल की अन्य व्यवस्थाएं भी बाधित हो रही हैं।
#### **छात्र-शिक्षक अनुपात सबसे कम वाले विद्यालय**
| **विद्यालय का नाम** | **कुल विद्यार्थी** | **कुल शिक्षक** | **कमी (अनुमानित)** |
|—————————-|——————–|—————-|———————-|
| यूपीएस करेली | 1241 | 16 | 19 |
| सेंट मार्टिन स्कूल | 828 | 12 | 12 |
| एसबी पब्लिक स्कूल | 718 | 9 | 12 |
| शैली पब्लिक स्कूल | 727 | 10 | 11 |
| एसडीआरडी पब्लिक स्कूल | 488 | 4 | 10 |
**यूपीएस करेली** में हालात सबसे खराब हैं। 1241 छात्रों के लिए केवल 16 शिक्षक हैं, जबकि **मानक के अनुसार 35 शिक्षकों की जरूरत** है।
### **निजी और सरकारी स्कूलों पर कार्रवाई**
– **निजी स्कूलों:** बीएसए **संजय सिंह** ने बताया कि सभी निजी स्कूलों को नोटिस जारी कर **शिक्षकों की संख्या जल्द पूरी करने के निर्देश** दिए गए हैं।
– **सरकारी स्कूलों:** सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को शासन स्तर पर नियुक्तियों के माध्यम से पूरा करने की योजना बनाई जा रही है।
### **छात्रों की पढ़ाई पर असर**
छात्र-शिक्षक अनुपात में कमी का सीधा असर छात्रों की पढ़ाई पर पड़ता है। जब शिक्षकों की संख्या कम होती है, तो कक्षाओं में ध्यान देना और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना मुश्किल हो जाता है।
### **यू डायस पोर्टल की निगरानी में सामने आया मामला**
बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा **यू डायस पोर्टल** पर की गई समीक्षा के दौरान यह बड़ा मुद्दा उजागर हुआ। यह पोर्टल शिक्षा से जुड़े डेटा का प्रबंधन और निगरानी करता है।
### **समाधान के लिए कदम**
– निजी स्कूलों को **नोटिस देकर शिक्षकों की संख्या बढ़ाने के निर्देश** दिए गए हैं।
– सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए **शासन स्तर पर कार्यवाही** की जा रही है।
– शिक्षा विभाग नियमित रूप से **पोर्टल की समीक्षा** करेगा ताकि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो।
### **निष्कर्ष**
छात्र-शिक्षक अनुपात में सुधार शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए आवश्यक है। शिक्षा विभाग द्वारा उठाए गए कदम इस दिशा में सकारात्मक हैं। अगर समय पर इस कमी को दूर किया गया, तो छात्रों को बेहतर शिक्षा और माहौल मिल सकेगा।
