**जूनियर हाईस्कूल सिरसिया में दिव्यांग बच्चों को सहायक उपकरण वितरित**
श्रावस्ती के सिरसिया ब्लॉक स्थित जूनियर हाईस्कूल में सोमवार को एक विशेष शिविर का आयोजन किया गया, जहां **159 दिव्यांग बच्चों को सहायक उपकरण** वितरित किए गए। इस शिविर का आयोजन एलिम्को (ALIMCO) की ओर से किया गया था, और इसका मुख्य उद्देश्य दिव्यांग बच्चों को शिक्षा और समाज की मुख्य धारा में शामिल करना था।
### **मुख्य अतिथि का संदेश: शिक्षा से जुड़ने पर जोर**
इस शिविर के मुख्य अतिथि **बीएसए अजय कुमार** ने कहा, “दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा में जोड़ना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि दिव्यांगता अभिशाप नहीं है। इन बच्चों में विशेष प्रतिभा होती है, जिसे निखारने के लिए हमें अवसर प्रदान करना चाहिए। अभिभावकों से अनुरोध है कि वे अपने बच्चों को नियमित रूप से विद्यालय भेजें।”
### **सहायक उपकरणों का वितरण: क्या-क्या मिला?**
जिला समन्वयक **अजीत कुमार उपाध्याय** ने बताया कि सिरसिया ब्लॉक में 14 सितंबर को मेजरमेंट कैंप आयोजित किया गया था, जिसमें 291 बच्चों का परीक्षण एलिम्को कानपुर के विशेषज्ञों द्वारा किया गया। इनमें से 159 बच्चों को उपकरण के लिए चयनित किया गया।
शिविर में वितरित किए गए उपकरणों का विवरण:
– **12 बच्चों को ट्राईसाइकिल**
– **9 बच्चों को व्हीलचेयर**
– **7 बच्चों को सीपी चेयर**
– **8 बच्चों को बैशाखी**
– **12 बच्चों को रोलेटर**
– **6 बच्चों को ब्रेल किट**
– **32 बच्चों को टीएलएम किट**
– **6 बच्चों को छड़ी**
– **60 बच्चों को हियरिंग एड**
– **14 बच्चों को कैलीपर**
### **दिव्यांग बच्चों को सशक्त बनाने की पहल**
इस शिविर का मुख्य उद्देश्य दिव्यांग बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना और उनके जीवन में सुधार लाना था। बीएसए अजय कुमार ने बच्चों और उनके अभिभावकों को प्रेरित करते हुए कहा कि दिव्यांग बच्चों में भी अपार क्षमताएं होती हैं। उन्हें केवल सही दिशा और सहयोग की जरूरत होती है।
### **अभिभावकों के लिए संदेश**
शिविर के दौरान यह भी अपील की गई कि अभिभावक अपने बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजें। शिक्षा के माध्यम से ही इन बच्चों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। जिला प्रशासन और शिक्षकों का यह प्रयास है कि दिव्यांग बच्चों को हर संभव सहायता और सुविधा दी जाए।
### **निष्कर्ष: सशक्तिकरण की ओर एक कदम**
जूनियर हाईस्कूल सिरसिया में आयोजित यह शिविर दिव्यांग बच्चों के लिए एक बड़ी पहल है। यह उन्हें समाज की मुख्य धारा में शामिल करने और उनके जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ऐसे आयोजनों से न केवल बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि समाज भी उनकी क्षमताओं को पहचानता है।
