**छह वर्षीय छात्र पर कुत्तों का हमला: ग्रामीणों ने बचाई जान**
मंडी धनौरा के गांव कैसरा में एक दर्दनाक घटना सामने आई, जब कक्षा एक में पढ़ने वाले छह वर्षीय छात्र पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। बच्चे को गंभीर हालत में स्थानीय निजी चिकित्सक के यहां भर्ती कराया गया है। यह घटना प्रशासन की लापरवाही और आवारा कुत्तों की समस्या पर सवाल खड़े करती है।
### **स्कूल जाते समय हुआ हमला**
गांव के निवासी जानी का छह वर्षीय पुत्र नीतीश सोमवार की सुबह अपने प्राथमिक विद्यालय जा रहा था। रास्ते में झुंड में बैठे कुत्ते अचानक उग्र हो गए और बच्चे पर हमला कर दिया। बच्चे की चीख-पुकार सुनकर आस-पास के लोग मदद के लिए दौड़े और किसी तरह कुत्तों को वहां से भगाया।
### **ग्रामीणों का आरोप: खुले में मीट बिक्री है जिम्मेदार**
ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल से कुछ कदमों की दूरी पर **खुले में मीट की बिक्री** होती है, जो आवारा कुत्तों को आकर्षित करती है। यह कुत्ते अक्सर वहीं मंडराते रहते हैं और कई बार आक्रामक हो जाते हैं। ग्रामीणों ने इस समस्या को पहले भी उठाया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
### **प्रशासन का आश्वासन**
खंड शिक्षा अधिकारी विजय कुमार सक्सेना ने घटना पर दुख जताते हुए कहा, “मैं इन दिनों प्रशिक्षण पर हूं, लेकिन इस संबंध में एडीओ पंचायत और ग्राम सेक्रेटरी को कुत्तों की धरपकड़ के निर्देश दिए जाएंगे। भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।”
### **स्थानीय प्रशासन की लापरवाही पर सवाल**
यह घटना न केवल स्थानीय प्रशासन की लापरवाही उजागर करती है, बल्कि आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या पर भी ध्यान दिलाती है। ग्रामीणों ने मांग की है कि:
1. **खुले में मीट बिक्री पर तत्काल रोक लगाई जाए।**
2. आवारा कुत्तों को पकड़कर क्षेत्र से हटाया जाए।
3. बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल के आसपास निगरानी बढ़ाई जाए।
### **निष्कर्ष**
यह घटना बच्चों की सुरक्षा के प्रति हमारी जिम्मेदारी और प्रशासन की सख्ती की कमी को दिखाती है। नीतीश जैसे मासूम बच्चे पर हुआ यह हमला हमें आवारा जानवरों की समस्या पर गंभीरता से सोचने और उचित कदम उठाने के लिए प्रेरित करता है। ग्रामीणों और प्रशासन को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाएं भविष्य में न हों।
