इलाहाबाद हाईकोर्ट की सख्ती: सेवानिवृत्ति लाभों और वेतन बकाये की अदायगी पर प्रमुख सचिव वित्त तलब

**इलाहाबाद हाईकोर्ट की सख्ती: सेवानिवृत्ति लाभों और वेतन बकाये की अदायगी पर प्रमुख सचिव वित्त तलब** 

**प्रयागराज।** इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्ति लाभों और वेतन बकाये की अदायगी को लेकर लंबित मामलों पर गहरी नाराजगी जताई है। इस संबंध में न्यायालय ने प्रमुख सचिव वित्त को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय लाभों और बकाये की अदायगी के लिए अदालत का रुख करने को मजबूर कर्मचारियों के विवादों को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। 

यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट की पीठ ने हाथरस के जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय से सेवानिवृत्त सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) उदय प्रताप सिंह की याचिका पर दिया। याची ने अपनी याचिका में 21 अगस्त 2023 को सेवानिवृत्ति के बाद जीपीएफ और अन्य बकाया राशि की मांग करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले में कोर्ट ने पंचायती राज विभाग के निदेशक से जवाबी हलफनामा मांगा था, लेकिन विभाग अब तक जवाब दाखिल करने में असफल रहा है। 

**सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए राहत के उपाय पूछे** 
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि विभागीय गलती के कारण कई सेवानिवृत्त कर्मचारी अदालत के चक्कर काटने को मजबूर हो रहे हैं। ऐसी याचिकाओं की बढ़ती संख्या ने न्यायालय को इस समस्या की गंभीरता पर विचार करने के लिए प्रेरित किया। कोर्ट ने प्रमुख सचिव वित्त को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर यह बताने का निर्देश दिया कि सरकार इस समस्या को हल करने के लिए क्या कदम उठा रही है। 

**भड़काऊ भाषण मामले में ओवैसी की सुनवाई स्थगित** 
एक अन्य मामले में सांसद असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ भड़काऊ भाषण को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई सोमवार को टल गई। यह मामला अब 21 जनवरी 2024 को सुनवाई के लिए निर्धारित किया गया है। इस मामले में सिद्धार्थनगर के शिवपति डिग्री कॉलेज के प्राचार्य ने आरोप लगाया है कि अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ओवैसी ने भड़काऊ बयान दिया था। 

**ज्ञानवापी मस्जिद वजूखाना सर्वे मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को** 
ज्ञानवापी मस्जिद स्थित वजूखाने के एएसआई सर्वेक्षण मामले में भी सुनवाई टल गई है। यह सुनवाई अब 10 दिसंबर को होगी। हिंदू पक्ष का दावा है कि विवादित स्थल के धार्मिक चरित्र को निर्धारित करने के लिए एएसआई का सर्वेक्षण आवश्यक है, जबकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सर्वेक्षण पर रोक है। 

**छात्रसंघ चुनाव मामले में एएमयू का जवाब अस्वीकार्य** 
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में छात्रसंघ चुनाव को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर भी हाईकोर्ट ने विवि प्रशासन के जवाब को अस्वीकार कर दिया। विवि ने स्थिति अनुकूल न होने और परीक्षा के कारण चुनाव न कराने का कारण बताया। न्यायालय ने विवि के कुलपति और रजिस्ट्रार को 9 दिसंबर तक विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। 

**अदालती मामलों के बढ़ने पर चिंता** 
हाईकोर्ट ने कहा कि विभागीय लापरवाही के चलते बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी अदालत का सहारा लेने को मजबूर हैं। इससे सरकारी संसाधनों और समय की बर्बादी हो रही है। अदालत ने सरकार को छह फरवरी तक ठोस समाधान प्रस्तुत करने का आदेश दिया है ताकि ऐसी समस्याओं का निस्तारण समय पर किया जा सके। 

सरकारी नीतियों और कर्मचारियों के अधिकारों पर यह सख्त रुख न केवल न्यायिक प्रणाली में सुधार का संकेत है, बल्कि सरकार के लिए एक चेतावनी भी है कि वह प्रशासनिक प्रक्रिया में सुधार करे।

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