**देवघर: प्रधान शिक्षिका को स्कूल में गोली मारी, एमडीएम के पैसे को लेकर हुआ विवाद**
देवघर के उत्क्रमित मध्य विद्यालय, चितरपोका में गुरुवार की सुबह दिल दहला देने वाली घटना हुई। पारा टीचर शैलेश यादव ने प्रधान शिक्षिका चांदनी कुमारी को मिड-डे मील (एमडीएम) योजना के पैसे को लेकर हुए विवाद में गोली मार दी। यह घटना तब हुई, जब चांदनी कुमारी बच्चों को पढ़ा रही थीं। इस अप्रत्याशित वारदात ने बच्चों, शिक्षकों और स्थानीय समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया है।
**क्लासरूम में घुसकर की फायरिंग**
जानकारी के अनुसार, गुरुवार सुबह चांदनी कुमारी अपने 25 छात्रों को पढ़ा रही थीं। अचानक पारा टीचर शैलेश यादव क्लासरूम में घुसा और विवाद शुरू कर दिया। इसके बाद उसने पिस्तौल निकालकर चांदनी पर दो गोलियां चलाईं। पहली गोली उन्हें नहीं लगी, लेकिन दूसरी गोली उनके दाहिने हाथ में लगी। घायल चांदनी को तुरंत इलाज के लिए सदर अस्पताल ले जाया गया। घटना के बाद आरोपी शैलेश यादव मौके से फरार हो गया, हालांकि बाद में पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
**एमडीएम के पैसे को लेकर हुआ विवाद**
घायल प्रधान शिक्षिका चांदनी कुमारी ने बताया कि शैलेश यादव मिड-डे मील योजना के तहत मिलने वाले पैसे में हिस्सा मांग रहा था। जब उन्होंने इस मांग को ठुकरा दिया, तो उसने गुस्से में आकर यह घातक कदम उठाया। चांदनी ने कहा, *”संयोग से गोली हाथ में लगी, जिससे मेरी जान बच गई।”*
**क्लासरूम में दहशत का माहौल**
घटना के समय क्लासरूम में करीब 25 बच्चे मौजूद थे। फायरिंग की आवाज सुनकर बच्चे सहम गए और दहशत में इधर-उधर भागने लगे। यह घटना न केवल उनके शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डाल सकती है। स्कूल प्रशासन और स्थानीय समुदाय बच्चों को सामान्य माहौल देने की कोशिश कर रहे हैं।
**पुलिस की कार्रवाई**
पुलिस ने आरोपी शैलेश यादव को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ जारी है। घटना में इस्तेमाल पिस्तौल की बरामदगी के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस ने बताया कि प्राथमिक जांच में यह विवाद एमडीएम योजना के पैसे को लेकर प्रतीत हो रहा है। इसके अलावा अन्य संभावित कारणों की भी जांच की जा रही है।
**सामाजिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया**
इस घटना ने शिक्षा प्रणाली और स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शिक्षकों और अभिभावकों ने मांग की है कि स्कूल परिसरों में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। शिक्षा विभाग ने मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की है और जल्द ही विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
**निष्कर्ष**
देवघर की इस घटना ने शिक्षा जगत में गहरा आघात पहुंचाया है। स्कूल जैसे सुरक्षित माने जाने वाले स्थान पर हुई इस हिंसा ने सुरक्षा व्यवस्थाओं की कमजोरियों को उजागर किया है। शिक्षकों, छात्रों और अभिभावकों को विश्वास बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। वहीं, आरोपी को कानून के दायरे में लाकर कठोर सजा दिलाना भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
