बीएसए के गणित ज्ञान पर उठे सवाल: वायरल वीडियो ने किया चौंकाने वाला खुलासा

**बीएसए के गणित ज्ञान पर उठे सवाल: वायरल वीडियो ने किया चौंकाने वाला खुलासा** 

सिद्धार्थनगर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) डॉ. राकेश कुमार सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में उनके गणित ज्ञान को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। वीडियो में डॉ. सिंह सामान्य भिन्न का हिसाब लगाने में चूक करते नजर आए। उनके इस बयान ने न केवल शिक्षा विभाग बल्कि सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा बटोरी है। 

**1/3 और 2/4 का जोड़ बना “एक“?** 

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27 नवंबर को जिले में कक्षा 1 से 3 तक की निपुण मूल्यांकन परीक्षा (एनईटी) संपन्न हुई। इस संदर्भ में बीएसए डॉ. राकेश कुमार सिंह ने शिक्षकों को प्रोत्साहित करने और 28 नवंबर को कक्षा 4 से 8 तक की परीक्षा सफलतापूर्वक आयोजित कराने के लिए एक वीडियो संदेश जारी किया। 
वीडियो में उन्होंने कहा, *”अभी हमने केवल 1/3 हिस्से की लड़ाई लड़ी है। दो चौथाई लड़ाई आज लड़ी जानी है।”* लेकिन गणितीय रूप से जब 1/3 और 2/4 को जोड़ा जाए, तो यह जोड़ 5/6 होता है, न कि पूरा “एक” जैसा कि उन्होंने कहा। यह गलती वीडियो में स्पष्ट रूप से दिखाई दी, जिसने उनकी गणितीय समझ पर सवाल खड़े कर दिए। 

**गणितीय गलती और शिक्षा क्षेत्र में प्रभाव** 
गणित कहता है कि जब किसी भिन्न (fraction) का जोड़ करना हो, तो उनके हरों (denominators) को समान करना होता है। 1/3 और 2/4 को जोड़ने पर परिणाम 10/12 आता है, जिसे सरल करने पर 5/6 मिलता है। इस तथ्य को नकारते हुए “पूरा एक” बताने से बीएसए की गणितीय समझ सवालों के घेरे में आ गई। 
यह गलती खास इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि एक ऐसे अधिकारी से यह उम्मीद की जाती है कि वह न केवल शिक्षकों और छात्रों को सही मार्गदर्शन देंगे बल्कि अपने बयान और ज्ञान से एक मिसाल पेश करेंगे। 

**”मानवीय भूल” बताई गई गलती** 
जब इस मामले पर बीएसए डॉ. राकेश कुमार सिंह से प्रतिक्रिया ली गई, तो उन्होंने इसे “मानवीय भूल” बताया। उनका कहना था कि वीडियो बनाते समय उनकी जुबान फिसल गई। उन्होंने इसे अनजाने में हुई गलती करार दिया और कहा कि उनका उद्देश्य शिक्षकों को प्रेरित करना था। 

**शिक्षा क्षेत्र में संदेश और चुनौतियां** 
यह मामला केवल एक गणितीय गलती तक सीमित नहीं है। यह शिक्षा क्षेत्र में नेतृत्व की जिम्मेदारी और अधिकारियों की योग्यता पर भी प्रकाश डालता है। शिक्षक और अभिभावक यह सवाल कर रहे हैं कि यदि शिक्षा अधिकारियों से इस प्रकार की त्रुटियां होती हैं, तो छात्रों की शिक्षा का स्तर कैसे सुधरेगा। 

**सार्वजनिक प्रतिक्रिया** 
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर लोगों ने मजाकिया टिप्पणियों से लेकर गंभीर आलोचनाएं की हैं। कुछ ने इसे शिक्षा व्यवस्था की कमजोरी का प्रतीक बताया, तो कुछ ने इसे अनजानी गलती मानकर अनदेखा करने की बात कही। 

**निष्कर्ष** 
डॉ. राकेश कुमार सिंह का वीडियो एक बार फिर यह याद दिलाता है कि शिक्षा में सटीकता और नेतृत्व कितना महत्वपूर्ण है। गलती को “मानवीय भूल” कहकर टाल दिया जा सकता है, लेकिन यह घटना निश्चित रूप से एक बड़ा संदेश देती है: शिक्षा के प्रति गंभीरता और जिम्मेदारी हर स्तर पर जरूरी है। 

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