**दिव्यांगजनों की पदोन्नति में नई व्यवस्था: उत्तर प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला**
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजनों की पदोन्नति में आने वाली बाधाओं को समाप्त करते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब समूह ‘ग’ और समूह ‘ख’ के पदों पर पदोन्नति में स्पष्ट नियमावली के तहत दिव्यांगजनों को चार फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा। प्रमुख सचिव कार्मिक एम. देवराज द्वारा जारी किए गए शासनादेश ने इस संबंध में भ्रम की स्थिति को पूरी तरह से दूर कर दिया है।
### **दिव्यांगजनों को मिलेगा चार फीसदी आरक्षण**
केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार, दिव्यांगजनों को पदोन्नति में चार प्रतिशत आरक्षण का अधिकार दिया गया है। उत्तर प्रदेश में भी इसी आधार पर आरक्षण व्यवस्था लागू की गई है। यह व्यवस्था अब न केवल स्पष्ट है, बल्कि समूह ‘ग’ और ‘ख’ के वरिष्ठ पदों पर भी लागू होगी।
### **पहले शासनादेश में नियमावली स्पष्ट नहीं थी**
2022 में जारी एक शासनादेश में दिव्यांगजनों के लिए आरक्षण की बात कही गई थी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं था कि समूह ‘ग’ से ‘ग’ और समूह ‘ख’ से ‘ख’ के वरिष्ठ पदों पर पदोन्नति दी जा सकती है या नहीं। इससे कर्मचारियों और विभागों के बीच भ्रम की स्थिति बनी रही।
– **समूह ‘ग’ में पदोन्नति**: कनिष्ठ पद से वरिष्ठ पदों पर प्रमोशन में दिक्कतें आ रही थीं।
– **समूह ‘ख’ में पदोन्नति**: इसी वर्ग के वरिष्ठ पदों पर भी स्थिति अस्पष्ट थी।
### **कोर्ट की भूमिका**
इस मुद्दे को लेकर कई मामले अदालत तक पहुंचे, जहां न्यायालय ने कार्मिक विभाग को स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया। अदालत के निर्देशों के आधार पर यह नई नियमावली लागू की गई, जिससे दिव्यांगजनों की पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया।
### **नए शासनादेश के तहत बदलाव**
प्रमुख सचिव कार्मिक ने नई नियमावली जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि:
1. समूह ‘ग’ से समूह ‘ग’ और समूह ‘ख’ से समूह ‘ख’ में वरिष्ठ पदों पर पदोन्नति की जाएगी।
2. समूह ‘घ’ से समूह ‘ग’ में भी पदोन्नति का प्रावधान रहेगा।
3. आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होने से विभागीय कर्मचारियों को पदोन्नति में कोई बाधा नहीं होगी।
### **सरकार की पहल: दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने की दिशा में कदम**
इस फैसले से दिव्यांगजनों को न केवल उनके अधिकार मिलेंगे, बल्कि वे अपनी योग्यता के अनुरूप उच्च पदों पर पहुंचकर अपनी क्षमताओं का बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। यह कदम राज्य सरकार की दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने की दिशा में एक सराहनीय पहल है।
### **निष्कर्ष**
दिव्यांगजनों की पदोन्नति में आरक्षण संबंधी नियमों को स्पष्ट करना उनके अधिकारों की रक्षा और कार्यस्थल पर समानता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस फैसले से न केवल दिव्यांग कर्मचारी प्रेरित होंगे, बल्कि सरकार की सामाजिक न्याय और समावेशिता की प्रतिबद्धता भी सुदृढ़ होगी।