
**साइबर ठगी का शिकार: सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य से 5.95 लाख की ठगी**
आज के डिजिटल युग में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं, और अपराधी नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल करके लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। ऐसा ही एक मामला करेली के जीटीबी नगर में सामने आया, जहां 66 वर्षीय सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य यूसुफा नफीस ठगी का शिकार हो गईं।
### **घटना का विवरण**
यूसुफा नफीस, जो खुल्दाबाद के एक गर्ल्स डिग्री कॉलेज से सेवानिवृत्त हैं, ने बताया कि आठ नवंबर को सुबह करीब 11 बजे उन्हें एक अज्ञात नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को “सीबीआई अधिकारी” बताते हुए कहा कि उनका बेटा कई अपराधियों के साथ पकड़ा गया है और अगर तुरंत छह लाख रुपये नहीं भेजे गए, तो उनके बेटे को 25 साल की जेल हो सकती है।
#### **ठगों की चालाकी**
– **बेटे की नकली आवाज**: जब यूसुफा नफीस ने अपने बेटे से बात करने की बात कही, तो फोन पर एक नकली रोने की आवाज सुनाई गई।
– **फर्जी व्यक्ति का नाम**: ठगों ने एक परमेश्वर भुयिमा नामक व्यक्ति का मोबाइल नंबर देकर गूगल-पे के माध्यम से 95,000 रुपये भेजने को कहा।
– **दूसरा कॉल और नई मांग**: थोड़ी देर बाद एक अन्य नंबर से फोन आया, जिसमें ठगों ने बेटे की जेल जाने की धमकी देकर और पैसे की मांग की।
– **बैंक ट्रांसफर**: पीड़िता ने मीरापुर स्थित पंजाब नेशनल बैंक से 5 लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से करन बरमन के नाम से केनरा बैंक, जबलपुर, मध्य प्रदेश में जमा कर दिए।
### **कैसे हुआ खुलासा?**
पैसे ट्रांसफर करने के बाद, यूसुफा नफीस ने अपने बड़े बेटे को दुबई में फोन किया। बेटे ने स्पष्ट किया कि उसके साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ है। इसके बाद छोटे बेटे से संपर्क किया गया, जो दिल्ली में रहता है। उसने भी बताया कि वह सुरक्षित है और ऐसी किसी घटना का सामना नहीं कर रहा। तभी ठगी का पता चला।
### **पुलिस कार्रवाई**
यूसुफा नफीस ने तुरंत साइबर थाना पुलिस को इस मामले की जानकारी दी। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
### **साइबर ठगी के प्रमुख सबक**
1. **घबराएं नहीं, पहले सत्यापित करें**
– किसी भी अज्ञात कॉल पर तुरंत कार्रवाई न करें। संबंधित व्यक्ति से सीधा संपर्क करें।
2. **पैसे भेजने से पहले सोचें**
– पैसे भेजने से पहले पुलिस या किसी भरोसेमंद व्यक्ति से सलाह लें।
3. **संदिग्ध नंबरों की जांच करें**
– अनजान नंबरों को कॉलर आईडी ऐप्स के जरिए जांचें।
### **सावधानियां और सुझाव**
– **जागरूकता बढ़ाएं**: परिवार और बुजुर्गों को साइबर ठगी के तरीकों के बारे में शिक्षित करें।
– **संदिग्ध कॉल को रिपोर्ट करें**: ऐसे मामलों में तुरंत साइबर क्राइम सेल से संपर्क करें।
– **बैंकों से संपर्क करें**: किसी भी फर्जी ट्रांजेक्शन की सूचना तुरंत बैंक को दें ताकि ट्रांजेक्शन को रोका जा सके।
– **OTP और बैंक डिटेल्स साझा न करें**: अपनी गोपनीय जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
### **निष्कर्ष**
यह घटना बताती है कि साइबर अपराधी किसी भी व्यक्ति को अपना शिकार बना सकते हैं, खासकर भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक दबाव का उपयोग करके। ऐसे मामलों में जागरूकता और सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।
**अगर आप साइबर ठगी का शिकार हुए हैं, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।**