
बिहार राज्य में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम को दर्शाता है। बुधवार को पटना में आयोजित मुख्य समारोह के साथ-साथ जिलों में भी समारोहों का आयोजन किया गया, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सक्षमता परीक्षा पास करने वाले एक लाख 14 हजार 138 शिक्षकों को *विशिष्ट शिक्षक* के रूप में नियुक्ति पत्र सौंपा।
### मुख्य बिंदु:
1. **विशिष्ट शिक्षक नियुक्ति**:
– ये शिक्षक पहले नियोजित शिक्षक के रूप में कार्यरत थे और अब सरकारी शिक्षक बने हैं।
– नियुक्ति के बाद ये शिक्षक फिलहाल उन्हीं स्कूलों में कार्यरत रहेंगे जहां वे पहले नियुक्त थे। स्थानांतरण का निर्णय बाद में होगा।
2. **सक्षमता परीक्षा और प्रक्रिया**:
– शिक्षकों को सरकारी शिक्षक बनने के लिए सक्षमता परीक्षा देनी होती है। इस परीक्षा के लिए कुल पांच मौके दिए जा रहे हैं।
– अब तक दो परीक्षाएं आयोजित की जा चुकी हैं:
– पहली परीक्षा में 1,87,818 शिक्षक पास हुए, जिनमें से 1,14,138 को प्रमाण पत्र सत्यापन के बाद नियुक्ति पत्र दिया गया।
– दूसरी परीक्षा में 65,716 शिक्षक पास हुए, और उनके प्रमाण पत्रों की जांच जारी है।
– शेष 85,609 शिक्षकों को आगामी तीन मौकों में परीक्षा देने का अवसर मिलेगा।
3. **भविष्य की नियुक्तियां**:
– मुख्यमंत्री ने बताया कि बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के माध्यम से शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया तेज की गई है।
– तीसरे चरण में 38,900 शिक्षकों और 42,918 हेडमास्टर पदों पर अभ्यर्थियों का चयन हो चुका है। उन्हें जल्द ही नियुक्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।
4. **मुख्यमंत्री का संदेश**:
– नीतीश कुमार ने शिक्षकों को बच्चों की बेहतर शिक्षा के प्रति समर्पित रहने की अपील की और शिक्षा विभाग को नियुक्ति प्रक्रिया को तेज करने का निर्देश दिया।
– उन्होंने अपने शासनकाल में शिक्षा व्यवस्था में सुधार की चर्चा करते हुए स्थानीय स्तर पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के महत्व पर प्रकाश डाला।
यह कदम राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और शिक्षकों को स्थायित्व देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।