राज्य सरकार बढ़ा सकती है शिक्षामित्रों का मानदेय। इस संबंध में वित्त विभाग को पत्र भेजा गया है सरकारी वकील ने दी जानकारी….,

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शिक्षामित्रों के मानदेय में संभावित वृद्धि और इससे संबंधित न्यायालयीय प्रक्रिया पर आधारित है। उत्तर प्रदेश में परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत लगभग 1.5 लाख शिक्षामित्रों के लिए यह एक महत्वपूर्ण विषय है। 

**मुख्य बिंदु:** 
1. **मानदेय वृद्धि का प्रस्ताव:** 
   शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा है।

2. **न्यायालय का निर्देश:** 
   इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 12 जनवरी 2024 को दिए आदेश में शिक्षामित्रों के सम्मानजनक मानदेय निर्धारण के लिए समिति गठित करने का निर्देश दिया था। 

3. **समिति की रिपोर्ट:** 
   शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति ने 9 अगस्त 2024 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी। 

4. **अवमानना याचिका:** 
   शिक्षामित्रों को समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग पर कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई है। याची का आरोप है कि सरकार ने कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया। 

5. **वित्त विभाग का निर्णय लंबित:** 
   रिपोर्ट अब वित्त विभाग को भेजी गई है, और उनकी राय का इंतजार किया जा रहा है। 

यह मामला शिक्षामित्रों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि मानदेय में वृद्धि उनके जीवनस्तर को सुधारने और सम्मानजनक जीवन जीने की दिशा में एक कदम हो सकता है। हालांकि, इससे सरकारी खजाने पर भार पड़ने की बात भी सामने आई है। वित्त विभाग की सहमति और राज्य सरकार का अंतिम निर्णय इस मुद्दे को सुलझाने में निर्णायक भूमिका निभाएगा।

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